ट्रांजिट रिमांड पर है अनिल देशमुख का वकील, दिल्ली की कोर्ट में होगी पेशी

100 crore recovery case : Anil Deshmukhs lawyer will appear in Delhi court
ट्रांजिट रिमांड पर है अनिल देशमुख का वकील, दिल्ली की कोर्ट में होगी पेशी
क्लीनचिट रिपोर्ट लीक मामला ट्रांजिट रिमांड पर है अनिल देशमुख का वकील, दिल्ली की कोर्ट में होगी पेशी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील को गुरुवार गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है। देशमुख से जुड़ी आंतरिक जांच रिपोर्ट लीक होने के बाद मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वकील आनंद डागा को गिरफ्तार कर लिया है। नागपुर के रहने वाले डागा देशमुख की लीगल टीम में शामिल हैं। बुधवार रात सीबीआई ने डागा और देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी को हिरासत में लिया था। चतुर्वेदी को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया लेकिन डागा को गिरफ्तारी के बाद ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले जाया गया है। 

डागा पर आरोप है कि उन्होंने तिवारी को रिश्वत देकर प्रभावित करने की कोशिश की। साथ ही मामले से जुड़ी रिपोर्ट को छेड़छाड़ के बाद सोशल मीडिया पर लीक किया गया था जिसके आधार पर दावा किया गया था कि देशमुख के खिलाफ प्राथमिक जांच में सबूत न मिलने के बावजूद केंद्र के इशारे पर उन्हें फंसाने के लिए एफआईआर दर्ज की गई। ‘क्लीनचिट’ रिपोर्ट लीक होने के मामले में सीबीआई ने तिवारी, डागा और अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है जिसमें आरोप लगाया गया है कि तिवारी देशमुख के वकीलों से लगातार संपर्क में था जिन्होंने इसे घूस देकर जांच प्रभावित करने की कोशिश की। तिवारी ने ही इस मामले की जांच से जुड़े दस्तावेज लीक किए जिसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया।  

सब-इंस्पेक्टर समेत दो लोगों को गिरफ्तार

इस मामले में सीबीआई के सब-इंस्पेक्टर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में अपने ही सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया, जबकि देशमुख की लीगल टीम के एक वकील को हिरासत में लिया गया है। बुधवार देर रात जारी बयान में सीबीआई ने सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की गिरफ्तारी और देशमुख के नागपुर निवासी वकील आनंद डागे को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की थी। कुछ दिनों पहले देशमुख से जुड़ी भ्रष्टाचार की प्राथमिक जांच रिपोर्ट लीक होने से जुड़े मामले में यह कार्रवाई की गई है।  जांच एजेंसी का आरोप है कि आनंद ने प्राथमिक जांच से जुड़े सीबीआई के सब इंस्पेक्टर तिवारी को घूस के जरिए प्रभावित करने की कोशिश की। इसके बाद दोनों ने मामले की जांच से जुड़ी एक रिपोर्ट सोशल मीडिया में लीक की।

 

बता दें कि कुछ दिनों पहले सीबीआई की एक प्राथमिक रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसके आधार पर कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने आरोप लगाया था कि देशमुख को प्राथमिक जांच में सबूत न मिलने के बावजूद फंसने के लिए एफआईआर दर्ज की गई। अब मामले में सीबीआई ने प्रथमिक रिपोर्ट लीक होने से जुड़े मामले में तिवारी, डागे और दूसरे आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की है। इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली और इलाहाबाद में छापेमारी भी की है। वही सीबीआई ने देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी को बुधवार की देर शाम थोड़ी देर की पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। इससे पहले देशमुख परिवार ने दावा किया था कि गौरव चतुर्वेदी को अज्ञात लोगों ने अगवा कर लिया।

सही है लीक हुई रिपोर्ट-राकांपा

राकांपा प्रवक्ता व मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया है कि अनिल देशमुख से जुड़ी लीक हुई प्राथमिक जांच रिपोर्ट सही है। गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सीबीआई अब दावा कर रही है कि पैसे देकर जांच रिपोर्ट लीक कराई गई और इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। लेकिन जांच एजेंसी अब भी यह दावा नहीं कर रही है कि रिपोर्ट फर्जी है। मलिक ने कहा कि रिपोर्ट अदालत में पेश हो जाए तो अनिल देशमुख को राहत मिल जाएगी इसीलिए अब राजनीति से प्रेरित कार्रवाई कर मामले को अलग रंग देने की कोशिश की जा रही है।  

 

 


 उधर इस सारे मामले में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार का कहना हैं कि हमने इस पर पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। 

राज्य सरकार दे दखल-कांग्रेस

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने सीबीआई द्वारा डागा की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से मामले में दखल देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर प्राथमिक जांच रिपोर्ट लीक होने के मामले में सीबीआई ने देशमुख के दामाद और वकील को हिरासत में लेकर पूछताछ की है तो क्या यह दूसरे अपराध का मामला नहीं है। ऐसे में उन्हें इस मामले की जांच के लिए क्या राज्य सरकार या बांबे हाईकोर्ट की इजाजत नहीं लेनी चाहिएॽ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में दखल देकर इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या गैरकानूनी कदम उठाए गए हैं। सीबीआई दिल्ली स्पेशल पुलिस एक्ट के तहत काम करती है। किसी अपराध की छानबीन राज्य की जिम्मेदारी है। ऐसे में रिपोर्ट लीक होने की एफआईआर राज्य की पुलिस में शिकायत कर दर्ज कराई जानी चाहिए। बिना अधिकार के वे किसी को नहीं उठा सकते।
 

Created On :   2 Sept 2021 5:00 PM IST

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