स्टेडियम में बड़े आयोजनों के हिसाब से पार्किग नहीं , 130 करोड़ की योजना केवल एक गलती से बन सकती है सफेद हाथी

130 crore plan can not be made by mistake due to big events in stadium
स्टेडियम में बड़े आयोजनों के हिसाब से पार्किग नहीं , 130 करोड़ की योजना केवल एक गलती से बन सकती है सफेद हाथी
स्टेडियम में बड़े आयोजनों के हिसाब से पार्किग नहीं , 130 करोड़ की योजना केवल एक गलती से बन सकती है सफेद हाथी

इंटरनेशनल स्पोट्र्स कराने की तैयारी, स्मार्ट सिटी ने ओलम्पिक साइज स्विमिंग पूल बास्केटबॉल ग्राउंड सहित स्टेडियम की पूरी प्लानिंग की, लेकिन पार्किंग पर संशय
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
राइट टाउन स्टेडियम में स्मार्ट सिटी योजना से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए निर्माण कार्य कराया जा रहा है। ऐसा स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स तैयार हो रहा है जहाँ बड़े खेल आयोजन हो सकें। ट्रैक एंड फील्ड के साथ ही फुटबॉल और इंडोर स्पोट्र्स हो सकें। सबसे बड़ी बात कि यहाँ दूसरे चरण में ओलम्पिक साइज स्विमिंग पूल, बास्केटबॉल कोर्ट और कैफेटेरिया का निर्माण होना है। इन आयोजनों में सैकड़ों और हजारों लोगों के पहुँचने की संभावना होती है, जबकि स्मार्ट सिटी ने पार्किंग के लिए न के बराबर जगह छोड़ी है। ऐसे में 130 करोड़ रुपयों की यह योजना ठीक रानीताल स्टेडियम की तरह साबित हो सकती है जहाँ पार्किंग की जगह ही नहीं है। अब तीसरे फेज की प्लानिंग हो रही है और यदि इसमें भी पार्किंग को तरजीह नहीं दी गई तो तय है कि स्टेडियम किसी काम का नहीं रहेगा। 
आज जब लोग दो पहिया वाहनों को नमस्ते करके चार पहिया वाहनों से चलना पसंद कर रहे हैं ऐसे में पार्किंग एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है। शहर में बड़े वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और आने वाले समय में इसमें भारी इजाफा होगा यह भी तय है। ऐसे में स्मार्ट सिटी योजना से 130 करोड़ रुपयों की लागत से पुराने राइट टाउन स्टेडियम को नया रूप दिया जा रहा है। यहाँ खेल गतिविधियों के लिए कई प्लेटफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी गलती हो रही है पार्किंग के लिए सही और पर्याप्त जगह निकालने में। योजना के पहले चरण में स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण तो लगभग कर लिया गया है, लेकिन उसमें एक गलती कर दी गई, उसके बेसमेंट में यदि पार्किंग की जगह निकाली गई होती तो समस्या को काफी हद तक दूर कर लिया जाता, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब योजना बनाने वाले यह दावा कर रहे हैं कि मानस भवन तथा पुराने बास्केटबॉल ग्राउंड की ओर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी, साथ ही तीसरे फेज का काम जब गऊ माता चौक की तरफ होगा तब वहाँ पार्किंग की पर्याप्त जगह निकाली जाएगी, लेकिन ऐसा होगा ही यह कोई नहीं कह सकता। 
नगर निगम ने स्टेडियम में दुकानें निकालकर किराए पर दीं जिनका किराया भी नाममात्र मिलता है। निगम कई जगह कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण की योजना तैयार कर रहा है, बेहतर होगा कि स्टेडियम के दुकानदारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए और यहाँ केवल पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह निकाली जाए। दूसरे फेज में ओलम्पिक साइज के स्विमिंग पूल, जिम्नेजियम, कैफेटेरिया आदि के निर्माण की तैयारी है। केवल स्विमिंग पूल में ही बड़ी प्रतियोगिता के दौरान सैकड़ों लोग एकत्र होते हैं ऐसे में यह तय है कि पार्किंग की यदि पर्याप्त जगह नहीं निकाली गई तो भविष्य में परेशानी होगी ही। 
फुटबॉल मैच में हजारों दर्शक आते हैं 
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल मैच के हिसाब से मैदान बनाया जाएगा तो तय है कि संतोष ट्राफी जैसी प्रतियोगिता के मैच भी यहाँ होंगे ऐसे में हजारों लोग एक साथ पहुँचेंगे तब वे अपने वाहन कहाँ खड़े करेंगे। शहर का उदाहरण लिया जाए तो शिवाजी मैदान में जब स्कूल स्तर के मैच होते हैं तो मैदान की तीन तरफ की सड़कें लगभग बंद हो जाती हैं, फिर जब राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी यहाँ आएँगे तो बात ही कुछ और होगी। ट्रैक एंड फील्ड के इवेंट में भी हजारों लोग दर्शक के तौर पर पहुँचते हैं। इन्हीं सब कारणों से खेल प्रेमी यह चाहते हैं िक स्मार्ट सिटी अपनी योजना में पार्किंग को बढ़ावा दे वरना ओलम्पिक संघ या अन्य बड़ी संस्थाएँ खेल नहीं होने देंगी। 
आसपास रहने वाले भी डरे हुए
जब से स्टेडियम का नए सिरे से निर्माण हो रहा है तो आसपास के रहवासी क्षेत्रों के लोग भी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि यहाँ जब भी बड़े आयोजन होते हैं तो उनका घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। लोग अपने वाहन हमारे घरों के सामने खड़े कर जाते हैं। लोगों का कहना है कि निगम अभी से इस बात का ध्यान रखे कि स्टेडियम में आने वालों के लिए पार्किंग की पर्याप्त जगह हो, ताकि वे वाहन कहीं और न खड़ा करें। 

Created On :   23 Dec 2020 2:49 PM IST

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