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तीन वर्षों में पुलिस के खिलाफ मिली 1487 शिकायतें, 675 मामलों की ही शुरु हुई जांच, 22 मिले दोषी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस के खिलाफ आम लोगों के शिकायतों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुलिस प्राधिकरण का गठन तो कर दिया गया पर उसका कामकाज भी दूसरी सरकारी एजेंसियों जैसा ही है। प्राधिकरण के पास पुलिस महकमें के खिलाफ लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं पर उनका निपटारा नहीं हो पा रहा है। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) कार्यकर्ता जीतेंद्र घाडगे द्वारा हासिल जानकारी के अनुसार 2017 से 2019 यानी तीन वर्षों में प्राधिकरण को पुलिस वालों के खिलाफ कुल 1487 शिकायतें मिली जिसमें से 712 शिकायतें विभागीय प्राधिकरण के पास भेजी गई, इनमें से 765 शिकायतों की ही जांच शुरु हुई है। जिसमें से 22 शिकायतों में पुलिस अधिकारी दोषी पाए गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 2017 से 2020 के दौरान प्राधिकरण को मिली शिकायतों की रिपोर्ट अभी तक गृह विभाग को नहीं भेजा गया है। जबकि यह प्राधिकरण चलाने पर सालाना 6 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। घाडगे कहते हैं कि प्राधिकरण गृह विभाग के पास केवल दोषी पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश दे सकता है। गृह विभाग से इस निर्देश को मानने की अपेक्षा होती है पर वास्तव में ऐसा होता नहीं। गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग को अभी तक 20 मामले प्राप्त हुए हैं जिसे पुलिस महानिदेशक के पास भेज दिया गया है।
Created On :   22 Dec 2021 8:31 PM IST