15 हजार उपभोक्ताओं ने नहीं भरा तीन माह से तीन सौ रुपए का बिल

15 thousand consumers did not fill bill of three hundred rupees in three months
15 हजार उपभोक्ताओं ने नहीं भरा तीन माह से तीन सौ रुपए का बिल
15 हजार उपभोक्ताओं ने नहीं भरा तीन माह से तीन सौ रुपए का बिल

डिजिटल डेस्क जबलपुर । पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत जबलपुर संभाग के सिटी सर्किल क्षेत्र में 15 हजार ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने पिछले तीन माह से तीन सौ रुपए का बिल जमा नहीं किया है। इन उपभोक्ताओं की सूची तैयार कर संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को सौंप दी गई जिनके विद्युत कनेक्शन काटने की कार्रवाई सोमवार से शुरू की जा रही है। खास बात यह है कि जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे जाएँगे उन्हें दोबारा जुड़वाने के लिए 2 सौ रुपए की पेनाल्टी लगेगी। सिटी सर्किल के एसई आईके त्रिपाठी ने बताया कि सब्सिडी का लाभ लेने के बाद सौ रुपए के दायरे में आने के बाद भी अधिकांश उपभोक्ता बिजली का बिल जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं से एरियर्स की राशि तो जमा कराई गई है, मगर तीन माह से रूटीन रीडिंग की राशि तक जमा नहीं की जा रही है। 
सब स्टेशन को कचराघर न बनाएँ अधिकारी -  सिटी सर्किल के अधीक्षण अभियंता आईके त्रिपाठी ने शुक्रवार की रात विजय नगर कार्यालय के साथ ही लमती सब स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कलेक्शन बढ़ाने के साथ ही रीडिंग चैकिंग करने के निर्देश दिए। लमती सब स्टेशन की यार्ड लाइटिंग ठीक करने और कंट्रोल पैनल को सुधारने भी कहा। सब स्टेशन में बड़ी मात्रा में पड़ी अनावश्यक सामग्री को देख नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को कहा कि सब स्टेशन को कचराघर न बनाएँ। यहाँ जितनी अनावश्यक सामग्री पड़ी है उसे स्टोर में भेजें। 
आयोग के आदेश के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल में याचिका - नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने बिजली रेट बढ़ाने आयोग का आदेश खारिज करने अपीलेट ट्रिब्यूनल नई दिल्ली को ई-मेल के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की है। मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि बिजली दर निर्धारण में 9 माह से ज्यादा देरी हो गई है अत: अब विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों द्वारा दर्शाया गया घाटा उपभोक्ताओं पर थोपकर बिजली के रेट नहीं बढ़ा सकता है। इस कारण 17 दिसंबर को आयोग द्वारा जारी किया नोटिफिकेशन खारिज किया जाए, जिससे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को आयोग द्वारा की गई गलती से राहत मिल सके। 

Created On :   19 Dec 2020 3:15 PM IST

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