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169 साल पुराना सरकारी प्रेस बंद करने की तैयारी, राजस्व विभाग ने भेजा प्रस्ताव - केबिनेट बैठक में लग सकती है मुहर

डिजिटल डेस्क रीवा । रीवा में संचालित 169 साल पुराना सरकारी प्रेस बंद हो सकता है। राजस्व विभाग ने ग्वालियर के साथ रीवा के सरकारी प्रेस को बंद करने का प्रस्ताव केबिनेट में भेज दिया है। अब 26 नवम्बर को होने वाली केबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। राज्य सरकार रीवा के सरकारी प्रेस को किस वजह से बंद कर रही है यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन इस शासकीय प्रेस को बंद करने के बाद विंध्य के सरकारी विभागों पर इसका असर पड़ेगा। बताया गया है कि यह सरकारी प्रेस 1851 से संचालित है। मसलन राजशाही काल के पहले से इस प्रेस में प्रिंटिंग का काम हो रहा है। इस संबंध में शासकीय मुद्रणालय के उप नियंत्रक विलास मंथनवार का कहना है कि उन्हें इस संबंध में किसी तरह की जानकारी नहीं है।
10 जिलों का होता है काम
रीवा के सरकारी प्रेस में दस जिलों के सरकारी विभागों का कामकाज होता है। इस प्रेस में छपने वाले सरकारी कागज रीवा के अलावा सतना, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, डिण्डौरी और पन्ना के विभिन्न विभागों में उपयोग किये जाते हैं। विभाग चाहे राजस्व का हो, पुलिस या फिर न्यायालय। सभी विभागों की प्रिंटिंग इसी प्रेस से होती है।
70 कर्मचारी हैं पदस्थ
शासकीय मुद्रणालय में मौजूदा समय में 70 कर्मचारी पदस्थ हैं। यहां 180 कर्मचारियों का पद है जिसमें से 110 पद खाली चल रहे हैं। वर्तमान में 70 कर्मचारी काम कर रहे हैं। मुद्रणालय में चार मशीनें लगी हैं और इस प्रेस की क्षमता एक दिन में 3 लाख फार्म छापने की है।
Created On :   24 Nov 2020 5:51 PM IST