राज्य के 19 फीसदी लोगों ने कहा- नल का पानी है खराब, 4 हजार से अधिक लोगों पर हुआ सर्वे

19 percent people of the state said - tap water is bad, survey was done on more than 4 thousand people
राज्य के 19 फीसदी लोगों ने कहा- नल का पानी है खराब, 4 हजार से अधिक लोगों पर हुआ सर्वे
विश्व जल दिवस राज्य के 19 फीसदी लोगों ने कहा- नल का पानी है खराब, 4 हजार से अधिक लोगों पर हुआ सर्वे

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। जल को प्राय: जीवन का टॉनिक कहा गया है। इसमें ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो मानव के लिए बहुत जरूरी होते हैं। पर, महाराष्ट्र में 19 फीसदी लोगों को आज भी पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। इसका खुलासा एक सर्वे में हुआ है। इस सर्वे में लोगों ने बताया कि मनपा और ग्रामपंचायतों के माध्यम से नलों के जरिए आपूर्ति होनेवाली पानी की गुणवत्ता खराब होती है। राज्य के 31 फीसदी लोगों ने कहा कि वे नल से मिलनेवाले पानी को आरओ के जरिये फिल्टर कर ही इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस  मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना और जल संरक्षण के महत्व पर  ध्यान केंद्रित करना है। इसी परिप्रेक्ष्य में 'लोकल सर्कल' नामक सोशल प्लेटफॉर्म ने पानी की शुद्धता को लेकर एक सर्वे किया है। यह सर्वे महाराष्ट्र सहित पूरे देशभर में किया गया है। इस सर्वे में महाराष्ट्र के 4447 लोग शामिल हुए। सर्वे के दौरान इन लोगों से पानी की शुद्धता से लेकर उसे शुद्ध करने के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले उपाय के बारे में सवाल पूछे गए थे। स्थानीय नगरपालिका, जल विभाग या पंचायत से घर में आने वाले पाइप के पानी की गुणवत्ता के मूल्यांकन पर पूछे गए सवाल पर 2331 लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। इसमें से 19 फीसदी लोगों ने बताया कि उनके घर में नल के जरिए आपूर्ति होनेवाली पानी की गुणवत्ता खराब और बेहद खराब है। जबकि 32 फीसदी लोगों ने पानी की गुणवत्ता का मूल्यांकन औसत श्रेणी में किया है। 

31 फीसदी लोग पानी शुद्ध करने के लिए आरओ सिस्टम का करते हैं इस्तेमाल

इस सर्वे के दौरान नलों से आपूर्ति होनेवाले पानी को कैसे शुद्ध करते हैं? इस सवाल का जवाब 2146 लोगों ने दिया। इसमें से 31 फीसदी लोगों ने बताया कि वे पानी शुद्ध करने के लिए आरओ सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। जबकि 24 फीसदी लोगों ने बताया कि आपूर्ति होने वाला पानी, पीने व खाना पकाने के योग्य बनाने के लिए अपने घरों में वॉटर प्यूरीफायर लगाया है। इसके अलावा 17 फीसदी लोगों ने बताया कि वे पानी उबालने के बाद ही इसका सेवन करते हैं। जबकि 3 फीसदी लोगों ने बताया कि वे नलों से आपूर्ति होनेवाले पानी का इस्तेमाल पीने व खाना बनाने के लिए नहीं करते हैं। इसके लिए वे बोतलबंद पानी खरीदते हैं  

क्या कहते हैं सर्वेक्षणकर्ता

लोकल सर्कल के फाउंडर सचिन टपरिया ने बताया कि विश्व जल दिवस को लेकर यह सर्वे महाराष्ट्र सहित पूरे देशभर में किया गया है। इस सर्वे में एक बात यह भी सामने आई कि मनपा, पंचायत, जल विभाग द्वारा नल के जरिये आपूर्ति होनेवाली पानी की गुणवत्ता में बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सुधार देखा जा रहा है। बीते वर्ष 2022 में 35 फीसदी परिवारों ने पानी की गुणवत्ता का मूल्यांकन अच्छी श्रेणी में किया था। इस वर्ष 44 फीसदी परिवारों ने पानी की क्वालिटी को अच्छा बताया है। 

क्या कहते हैं डॉक्टर

फिजिशियन डॉ. दीपक बैद ने बताया कि दूषित पानी के सेवन से चर्म रोग, पेट रोग, पीलिया, गैस्ट्रो, दस्त, उल्टियां, टाइफाईड बुखार आदि रोग हो सकते हैं। गर्मी व बरसात के दिनों में इनके होने का खतरा ज्यादा होता है। डॉ. बैद ने कहा कि पीने के लिए हमेशा स्वच्छ पानी का प्रयोग करना चाहिए।

 

Created On :   21 March 2023 4:12 PM GMT

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