एसडीएम-तहसीलदारों के दरबार में अटके नामांतरण-सीमांकन के 20 हजार प्रकरण

20 thousand cases of demarcation-demarcation stuck in the court of SDM-Tehsildars
एसडीएम-तहसीलदारों के दरबार में अटके नामांतरण-सीमांकन के 20 हजार प्रकरण
एसडीएम-तहसीलदारों के दरबार में अटके नामांतरण-सीमांकन के 20 हजार प्रकरण

नहीं ले रहे रुचि  - कई प्रकरण सालों से हैं अटके, निपटारे की जगह कर रहे खारिज
डिजिटल डेस्क जबलपुर  ।
आम जनता एसडीएम और तहसीलदार कार्यालयों के चक्कर लगा रही है और फाइलों में हर दिन प्रकरण बढ़ रहे हैं। नामांतरण, सीमांकन और बंटवारा सहित अन्य मामलों की पेंडेंसी बढ़कर 20 हजार हो गई है,फिर भी अधिकारी इन्हें निपटाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। आम जनों को सिर्फ तारीख ही मिल रही है। हर मामले में समय-सीमा भी तय है, इसके बाद भी कई प्रकरण ऐसे हैं जो 6 माह व 1 साल से इन दफ्तरों में अटके हैं। कई बार तो प्रकरण कम करने अधिकारी मामले को खारिज कर रहे हैं। कुल मिलाकर छोटे-छोटे काम के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। अधिकारियों की अगर कोई शिकायत कर दे तो मामला और बिगड़ जाता है, फिर तो मामले में इतनी खामियाँ निकाली जाती हैं कि खानापूर्ति करते-करते आम आदमी परेशान हो जाता है और मजबूरी में उसे दलालों के पास जाना पड़ता है। 
कहाँ कितने आवेदन - मझौली में सबसे ज्यादा प्रकरण
एसडीएम रांझी के पास अभी 462 प्रकरण, एसडीएम गोरखपुर 391, एसडीएम कुंडम के पास 200, नायब तहसीलदार कुंडम 184, तहसीलदार कुंडम 221, तहसीलदार पाटन 345, नायब तहसीलदार पाटन 139, नायब तहसीलदार कटंगी 309, तहसीलदार मझौली 1070, नायब तहसीलदार मझौली 810, एसडीएम सिहोरा 334, एसडीएम जबलपुर 808, एसडीएम पाटन 178, एसडीएम शहपुरा 257, तहसीलदार अधारताल 506, नायब तहसीलदार अधारताल 655, अतिरिक्त तहसीलदार अधारताल 775, नायब तहसीलदार रांझी 214, नायब तहसीलदार गोरखपुर 421, अतिरिक्त तहसीलदार गोरखपुर 719 व नायब तहसीलदार पाटन के पास 177 प्रकरण लंबित हैं। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों के न्यायालय सहित भू अभिलेख व अन्य अधिकारियों के पास प्रकरण अटके हैं। 
86 हजार से ज्यादा मामले पहुँचे 
चालू राजस्व वर्ष में राजस्व अधिकारियों के पास 86272 से ज्यादा प्रकरण पहुँचे। इनमें से लगभग 64 हजार प्रकरणों का निपटारा होने की बात की जा रही है। जबकि 19956 प्रकरण अभी भी ऐसे हैं जो राजस्व अधिकारियों की न्यायालय में हैं। इनमें 3 माह से लंबित प्रकरण की संख्या 14517  है। वहीं 6 माह से ज्यादा समय से लंबित मामले 36 सौ से ज्यादा हैं। वहीं 6 माह से 1 वर्ष के अटके मामले 1123 से ज्यादा हैं। इसमें भी 33 प्रकरण ऐसे हैं जो 2 से 5 साल से अटके हैं, अधिकारी इन्हें विवादित बताकर लटका रहे हैं। 
इनका कहना है

आम जनता के कामों को प्राथमिकता से हल करने की हिदायत अधिकारियों को दी गई है। इसके बाद भी प्रकरणों का निराकरण नहीं होता है तो अब तहसीलदारों पर कार्रवाई की जाएगी। जनता से जुड़े काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 


 

Created On :   13 Feb 2021 3:12 PM IST

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