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कतर में गिरफ्तार दंपति की 21 माह बाद हुई घर वापसी, ड्रग्स तस्करी में रिश्तेदार ने था फंसाया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिश्तेदार के झांसे में आकर ड्रग्स तस्करी के मामले में पकड़ा गया मुंबई का दंपति 21 महीने बाद वापस लौट आया है। ओनिबा और शरीक कुरैशी रात ढाई बजे के करीब मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे इस दौरान साथ में जेल में ही पैदा हुई उनकी एक साल की बच्ची आयत भी थी। दोनों को 2019 में कतर में ड्रग्स के साथ पकड़े जाने के बाद 10 साल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन जब इस बात का खुलासा हुआ कि दोनों रिश्तेदार के धोखे से इस मामले में फंसे हैं तो नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और विदेश मंत्रालय ने परिवार की काफी मदद की और आखिरकार नए सबूतों के आधार पर अदालत ने दोनों को निर्दोष पाया जिसके बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ।
मुंबई में हवाई अड्डे पर दंपति का परिवार पहले से उनका इंतजार कर रहा था और एक दूसरे को देखते ही वे गले लगकर रोने लगे। मीडिया से बातचीत में दंपति ने एनसीबी, केंद्र सरकार और मीडिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर इनसे मदद नहीं मिलती तो वे जेल से बाहर नहीं आ सकते थे। दोनों ने मीडिया से कहा कि वे चाहते हैं कि उन्हें ड्रग्स भरा बैग देने वाली उनकी रिश्तेदार को कड़ी सजा दी जाए।
क्या है मामला
ओनिबा और शरीक जुलाई 2019 में कतर के हमाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस वक्त पकड़े गए थे जब उनके बैग से 4.1 किलो चरस बरामद हुई थी। बाद में पता चला कि नवविवाहित दंपति को शरीक की बुआ तबस्सुम ने हनीमून पैकेज देकर कतर भेजा था और उसने ही बैग में चरस का पैकेट रख दिया था। तबस्सुम ने शरीक को कहा था कि वह पान के साथ खाए जाने वाला जर्दा है जो उसकी पहचान वाले एक व्यक्ति को देना है। लेकिन जांच के बाद कतर के अधिकारियों ने बताया कि वह चरस है तो दंपति के होश उड़ गए। निचली अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुना दी। इस बीच गर्भवती ओनिबा ने पिछले साल फरवरी महीने में जेल में ही बच्ची को जन्म दिया।
रिश्तेदार के धोखे की जानकारी मिलने के बाद दंपति के परिवार ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद एनसीबी ने मामले की छानबीन शुरू की। जांच के आधार पर एनसीबी ने तबस्सुम समेत दो आरोपियों को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया और इस बात की पुष्टि हुई कि उन्होंने ही धोखे से दंपत्ति को नशे की खेप पकड़ा दी थी। सबूतों के आधार पर विदेश मंत्रालय की मदद से एनसीबी ने कतर के अधिकारियों से संपर्क किया और एनसीबी द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर अदालत ने दंपति को इसी साल 29 मार्च को बरी कर दिया।
Created On :   15 April 2021 8:30 PM IST