9 दिन में हुई 23 चोरियां, वारदात को पकड़ पाए रेलवे के नए कैमरे

23 thieves in nine days, Incident not caught new cameras
9 दिन में हुई 23 चोरियां, वारदात को पकड़ पाए रेलवे के नए कैमरे
9 दिन में हुई 23 चोरियां, वारदात को पकड़ पाए रेलवे के नए कैमरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे प्रशासन लाख कोशिश कर ले, लेकिन अपराधियों को पकड़ने में उसके सीसीटीवी कैमरे साथ नहीं दे रहे हैं। कुछ समय पूर्व तक प्लेटफार्मों पर लगे कैमरों से धूंधली तस्वीरें आने के कारण अपराधी साफ बच निकलते थे। इससे परेशान रेलवे ने लाखों रुपए खर्च कर आधुनिक तकनीक के घूमते हुए  नए कैमरे लगाए, फिर भी अपराधी कैमरों की पकड़ में नहीं आ रहे हैं। 9 दिन में 23 चोरियां हुईं हैं और केवल एक का खुलास हुआ है। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैमरे की पकड़ में अपराधी क्यों नहीं आ रहे हैं।

परिसर में घूमते रहते हैं अपराधी
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों 15 अगस्त के दिन प्लेटफार्मों सहित रेलवे परिसर में आधुनिक तकनीक के घूमने वाले कुल 210 नए कैमरे लगाए गए। इसके बाद 9 िदन के आंकड़े देखे गए, तो पता चला कि नागपुर स्टेशन परिसर में कुल 23 चोरियां हुई हैं, जिसमें 13 चोरियां प्लेटफार्म पर ही हुई हैं। इन चोरियों में से सिर्फ एक चोरी की पोल खोलने में कैमरा कामयाब हुआ है।

बाकी घटनाओं में शामिल अपराधी कैमरे की नजर में नहीं आ पाए हैं। नागपुर से प्रतिदिन करीब 125 यात्री ट्रेनों का आवागमन होता है। यात्री भी बड़ी संख्या में प्लेटफार्मों पर या रेल परिसर में मौजूद रहते हैं। इसलिए चोर, नशेड़ी जैसे अपराधी चोरी की फिराक में यहां मौजूद रहते हैं। ये लोग मौका मिलते ही यात्रियों के मोबाइल, पर्स व लगेज पर हाथ साफ करने में जरा भी देर नहीं लगते हैं। आये दिन यहां चोरियां होती रहती हैं।

पर्याप्त कैमरे नहीं
सूत्र की मानें, तो स्टेशन पर बने प्रतीक्षालय में पर्याप्त मात्रा में कैमरे नहीं लगाए गए हैं, जिससे यहां बैठे यात्रियों के पास के लगेज, मोबाइल चोर आसानी से चोरी कर गायब हो जा रहे हैं। यही हाल पूर्वी गेट संतरा मार्केट की ओर का भी हाल है, जिससे यहां भी चोर आराम से अपना काम कर फरार हो जा रहे हैं, और पुलिस हाथ-पांव मारती रह जाती है।

फुटेज देखने बना है स्वतंत्र रूम
स्टेशन पर पूर्व में 45 कैमरे लगाए थे, जो पुराने जमाने के थे। इन कैमरों में चोरी की वारदातें कैद ही नहीं हो रही थीं, जिससे चोरों के हौसले बुलंद थें। इन बातों को ध्यान में रखते हुए स्टेशन को इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम से जोड़ने का ऐलान 5 वर्ष पहले किया गया था, जिसे लाखों की लागत से अब साकार किया गया है। इसके लिए आरपीएफ थाने में एक स्वतंत्र रूम बनाकर 10 मॉनीटर लगाए गए हैं। यहां 24 घंटें स्टाफ परिसर की हलचल पर नजर रखे रहता है। आधुनिक कैमरे लगने के बाद उम्मीद थी कि स्टेशन पर चोरियां होते ही पकड़ में आ जाएंगी, लेकिन कैमरे का गलत डायरेक्शन कहें या फिर संवेदनशील जगहों पर कैमरों का अभाव कहें, चोरियां पकड़ में नहीं आ रही हैं।

Created On :   26 Aug 2018 11:13 AM GMT

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