Nagpur News: 117 एसोसिएशन्स की गुहार, एमईआरसी रिव्यू ऑर्डर वापस ले सरकार

117 एसोसिएशन्स की गुहार, एमईआरसी रिव्यू ऑर्डर वापस ले सरकार
  • जिलाधिकारी से मिले औद्योगिक, व्यापारिक, अक्षय ऊर्जा और उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि
  • राज्य को राजस्व और रोजगार के अवसरों का नुकसान हो सकता है

Nagpur News औद्योगिक, व्यापारिक, अक्षय ऊर्जा और उपभोक्ता से संबंधित शहर की लगभग 117 एसोसिएशन्स ने मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर से मुलाकात कर एमईआरसी के हालिया रिव्यू ऑर्डर पर अपनी आपत्ति जताते हुए मामले को संबंधित विभागों के समक्ष उठाने की मांग की है। इन एसोसिएशन्स के लगभग 600 प्रतिनिधियों ने एक संयुक्त प्रतिनिधित्व दिया। एसोसिएशन्स ने जिलाधिकारी को बताया कि एमईआरसी के इस निर्णय से महाराष्ट्र में बिजली दरें बढ़ जाएगी और सोलर को हतोत्साहित किया जाएगा, जिससे उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता और अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इससे राज्य को राजस्व और रोजगार के अवसरों का नुकसान हो सकता है और अपराध भी बढ़ सकते हैं।

निर्णय को अवैध बताया

एसोसिएशन्स ने एमईआरसी के इस निर्णय को अवैध बताया है, क्योंकि इसमें उचित सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है और आयोग में सार्वजनिक प्रतिनिधियों और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों की कमी है। एमआईडीसी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पी. मोहन ने बताया कि हम पूरे महाराष्ट्र में हर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को यही प्रतिनिधित्व देंगे, ताकि ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह ध्यान में आए कि यह नया ऑर्डर पूरे महाराष्ट्र की अस्मिता, अस्तित्व और अर्थव्यवस्था को खतरे में डालता है। इस ऑर्डर पर पुनः विचार होना चाहिए और 28 मार्च 2025 को सार्वजनिक सुनवाई के बाद एमईआरसी द्वारा दिया गया मूल ऑर्डर ही पुनः स्थापित किया जाना चाहिए।

डिमांड चार्ज

घरेलू उपभोक्त : 16% वृद्धि

20 केवी से कम के वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ता : 16% वृद्धि

20 किलोवॉट से अधिक के वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ता : 18.8% वृद्धि

बिजली शुल्क

घरेलू उपभोक्ता

101 से 300 यूनिट: 15.14% वृद्धि

301 से 500 यूनिट: 19.87% वृद्धि

500 यूनिट से अधिक: 23.37% वृद्धि

वाणिज्यिक उपभोक्ता

20 किलोवॉट से कम : 34.84% वृद्धि

20 किलोवॉट से 50 किलोवॉट के बीच: 24.82% वृद्धि

50 किलोवॉट से अधिक: 22% वृद्धि

औद्योगिक उपभोक्ता

20 किलोवॉट से कम : 7.21% वृद्धि

20 किलोवॉट से अधिक : 16% वृद्धि

बिजली शुल्क (एचटी)

औद्योगिक उपभोक्ता: 16% वृद्धि

वाणिज्यिक उपभोक्ता: 51.51% वृद्धि

4,400 से अधिक आपत्तियां : मानक प्रक्रिया के अनुसार, एमएसईडीसीएल ने केस नंबर 217/2024 के तहत पांचवें नियंत्रण अवधि के लिए अपनी याचिका दायर की थी। इस याचिका पर 4,400 से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुईं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसके बाद, कई स्थानों पर सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की गई, जिसके परिणामस्वरूप एमईआरसी ने 28 मार्च 2025 को एक संतुलित आदेश जारी किया, जिसे सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं ने व्यापक रूप से सराहा। हालांकि, 2 अप्रैल 2025 को एमएसईडीसीएल द्वारा दायर समीक्षा याचिका के बाद एमईआरसी ने इस आदेश को अप्रत्याशित रूप से स्थगित कर दिया। इस समीक्षा में एमएसईडीसीएल के बैलेंस शीट में वित्तीय आंकड़ों को संशोधित करने की अनुमति मांगी गई थी, जिसके परिणामस्वरूप सभी उपभोक्ता श्रेणियों में टैरिफ में परिवर्तन हुए। चूंकि संशोधित टैरिफ ने सभी उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया, इसलिए विद्युत अधिनियम की धारा 64(1) से 64(3) के तहत प्रस्तावित परिवर्तनों को प्रकाशित करना और अंतिम आदेश जारी करने से पहले 30 दिनों के भीतर सार्वजनिक आपत्तियां/टिप्पणियां आमंत्रित करना अनिवार्य था। यह महत्वपूर्ण कदम छोड़ दिया गया, और 25 जून 2025 को संशोधित आदेश जारी किया गया, जिसका सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। नीचे दी गई तालिका में 28 मार्च 2025 के मूल आदेश और 25 जून 2025 के संशोधित आदेश के बीच टैरिफ दरों में मुख्य अंतर दर्शाए गए हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को हतोत्साहित कर रही सरकार : महाराष्ट्र में बिजली दरें भारत में सबसे अधिक हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि लागत कम की जा रही है, लेकिन सभी उपभोक्ता श्रेणियों में बिल सिमुलेशन से पता चलता है कि वृद्धि महत्वपूर्ण और अत्यधिक है। भारत सरकार सक्रिय रूप से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है, और इसके अनुरूप, मंत्रालय ने ग्रिड के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के बैंकिंग की अनुमति दी थी। पहले उपभोक्ताओं को दिन में 20 घंटे तक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने की अनुमति थी। हालांकि, हाल के आदेश ने इस समयावधि को अधिकतम 8 से 10 घंटे तक कम कर दिया है। इसके अतिरिक्त, आदेश में एलटी (लो टेंशन) उपभोक्ताओं के लिए 1.88 रुपए प्रति यूनिट और एचटी (हाई टेंशन) उपभोक्ताओं के लिए 1.40 रुपए प्रति यूनिट के ग्रिड समर्थन शुल्क लगाए गए हैं। ये शुल्क नेट मीटरिंग व्यवस्था के तहत उत्पन्न प्रत्येक नवीकरणीय ऊर्जा यूनिट पर लागू होते हैं, जिससे कई उपभोक्ताओं के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन आर्थिक रूप से अस्थिर हो गया है। प्रतिनिधिमंडल में साकेत सुरी, अमित देवतले, सुधीर बुधे, आरबी गोयनका, पी मोहन, प्रशांत मोहता, फारूक अकबानी, अमर मोहिते, किशोर मालवीय, निरंजन शिरपुरकर, श्री जामदार, प्रवीण हिवरे, भावेश शाह के साथ करीब 600 लोग शामिल थे।


Created On :   9 July 2025 1:37 PM IST

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