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गर्भ में पल रहे बीमार बच्चे के इलाज में सक्षम नहीं मां, हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की इजाजत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने 26 सप्ताह की एक गर्भवति महिला को अपने गर्भ में पल रहे भू्ण के गर्भपात की अनुमति दे दी है। इससे पहले महिला के गर्भ में मौजूद भ्रूण की जांच करने वाले मेडिकल बोर्ड ने जस्टिसशांतनु केमकर और जस्टिसराजेश केतकर की खंडपीठ के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की। जिसमें कहा गया था कि जन्म के बाद बच्चे का इलाज संभव है। इस पर खंडपीठ ने अनुमति देने में हिचकिचाहट दिखाई किंतु महिला के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जो पैदा होने के बाद नवजाद शिशु के इलाज में होनेवाले भारी खर्च का वहन कर सके।
24 नवंबर को हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका, भ्रूण की स्थिति असमान्य
खंडपीठ ने महिला के वकील की ओर से किए गए आग्रह पर गौर करने के बाद नाशिक निवासी महिला को गर्भपात कराने की इजाजत दी थी। महिला ने 24 नवंबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि उसके पेट में पल रहे 24 सप्ताह के भ्रूण की स्थिति असमान्य है। सोनोग्राफी की रिपोर्ट से उसे इस बात की जानकारी मिली है। नियमानुसार 20 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात नहीं किया जा सकता है। इसलिए महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
बीमारी से पीड़ित है गर्भ में पल रहा बच्चा
याचिका में महिला ने डाक्टर की रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि उसके पेट में जो बच्चा पल रहा है, उसकी महाधमनी में कुछ दिक्कत है। जिसका इलाज संभव नहीं है। इसलिए उसे गर्भपात कराने की इजाजत दी जाए। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने महिला को गर्भपात की इजाजत दे दी। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता वाईआर मिश्रा ने पक्ष रखा। फिलहाल महिला के पेट में पल रहा भ्रूण 26 सप्ताह का हो गया है।
Created On :   13 Dec 2017 9:19 PM IST