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मौसम - कम दबाव अभी उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर, जबलपुर के नजदीक अभी कोई नया सिस्टम नहीं है, बादल छाए रहेंगे

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मानसून के अब तक बीते 69 दिनों में जिले में सामान्य से 28 फीसदी कम बारिश हुई है। बीते साल के मुकाबले बरसात कुछ ज्यादा है, पर सामान्य हालातों के हिसाब से बारिश का आँकड़ा अभी नीचे ही है। इस वर्ष के मानसून सीजन में अभी तक 16.60 इंच बरसात हुई है। मौसम विभाग के अनुसार सामान्य हालातों में पूरे जबलपुर में 25 इंच के करीब बारिश हो जानी थी। मौसम वैज्ञानिक बीजू जान जैकब कहते हैं िक फिलहाल उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र है। जबलपुर सहित संभाग के जिलों में दक्षिण से नमी आने पर कुछ जिलों में छुटपुट बरसात हो सकती है, लेकिन अच्छी बारिश के लिए अब आगे नये सिस्टम का इंतजार करना होगा। मध्य प्रदेश में सोमवार से मानसूनी गतिविधियों में कमी आने की भी संभावना है, क्योंकि ट्रफ लाइन उत्तर की ओर खिसक गई है। गौरतलब है कि मानसून का सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक माना जाता है।
इन चार माह में जो बारिश होती है वह रेनी सीजन की मानी जाती है। इसके बाद होने वाली बारिश को विंटर सीजन में दर्ज किया जाता है। इस बार अब तक जो भी सिस्टम बने हैं उनमें पश्चिमी, उत्तरी मध्य प्रदेश में ही अच्छी बारिश हुई है। जबलपुर के संभागों में मानसूनी बादल आये जरूर पर उम्मीदों के अनुसार नहीं बरस सके।
ऐसा रहा मौसम का मिजाज
रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री दर्ज किया, जो सामान्य से 3 डिग्री कम रहा। शहर के आसपास अभी दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ 5 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही हैं। अगले 24 घंटों में संभाग के जिलों में कहीं-कहीं छुटपुट बारिश के आसार बने हुये हैं।
कम बारिश से चिंता
इधर किसान सामान्य से कम बारिश होने पर चिंतित हैं। खेतों में जो धान की फसल बोई गई है उसको पानी की जरूरत है। इसी तरह अब मक्का में भी पानी की कमी से फसल को नुकसान होने लगा है। एक्सपर्ट का मानना है कि खरीफ फसलों पर कम बारिश से उत्पादन तक में आगे असर हो सकता है। रिमझिम बारिश से खेतों में नमी जरूरी आई है, लेकिन खेत भरे नहीं हैं। हालाँकि अभी बड़ा रेनी सीजन बाकी है।, लेकिन फसल के लिहाज से जल्द अच्छी बरसात होना जरूरी हो गया है।
बरगी बाँध टारगेट से लगभग 2 मीटर नीचे
जिस तरह जबलपुर में अभी तक सामान्य से कम बारिश हुई, उसी तरह बरगी बाँध के जल भराव एरिया में भी अब तक बारिश का आँकड़ा औसत से कुछ नीचे है। बाँध के जलभराव वाले मण्डला, डिण्डौरी, मवई, मुक्की, मनोट, मोहगाँव, बम्हनी बंजर, बरगी नगर आदि कुल 8 स्टेशनों में कम बारिश होने से बाँध में पानी की रफ्तार नहीं बढ़ पा रही है। बाँध में अगस्त के दूसरे सप्ताह तक 421 मीटर पानी होना चाहिए लेकिन उससे जलस्तर लगभग 2 मीटर नीचे है। रविवार की शाम तक बाँध का जलस्तर 419.10 मीटर पर रहा। फिलहाल पानी आने की रफ्तार 700 घनमीटर प्रति सेकेण्ड के करीब ही है। इससे 24 घंटे में 10 सेंटीमीटर के करीब पानी आकर जमा हो रहा है। बाँध का जल प्रबंध देखने वाले राजाराम रोहित के अनुसार इस सीजन में जल भराव एरिया में 17 इंच के करीब बरसात हो सकी है। जो टारगेट अगस्त के दूसरे सप्ताह में होना चाहिए, उससे अभी पानी काफी नीचे है। जल भराव एरिया में आगे यदि अच्छी बरसात होती है तो जो निर्धारित कैलेंडर है, उसके मुताबिक बाँध भर सकता है।
Created On :   9 Aug 2021 2:14 PM IST