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नागपुर विभाग में गायरन जमीनों पर 29 हजार अवैध निर्माण, हाईकोर्ट ने लिया स्वत संज्ञान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागपुर विभाग में करीब 32 हजार 315.30 हेक्टेयर गायरन (चारागाह के लिए आरक्षित जमीन) जमीन है। इस जमीन पर 29432 अवैध निर्माण है। जबकि 1836.6 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। राज्य के 6 विभागों में गायरन जमीन पर कुल 2 लाख 22 हजार 153 अवैध निर्माण किए गए हैं। राज्य सरकार के राजस्व व वन विभाग के अधिकारी की ओर से बांबे हाईकोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में इस बात का खुलासा हुआ है। गायरन जमीन मुख्य रुप से पशुओं के चारागाह के लिए आरक्षित की जाती है।
इस जानकारी पर चिंता व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह आश्वस्त करे कि भविष्य में गायरन जमीन पर अतिक्रमण व अवैध निर्माण न होने पाए। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने हलफनामे पर गौर करने के बाद कहा कि सरकार गायरन जमीन पर निगरानी रखे और आगे सरकार का कोई प्राधिकरण व अधिकारी गायरन जमीन पर अदालत के अगले आदेश तक अतिक्रमण को नियमित न करे। अतिक्रमण को सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत नियमित किया जा सकता है। खंडपीठ ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को आगे भी हलफनामान दायर करने का निर्देश दिया है।
अमरावती में 18541 अवैध निर्माण
हलफनामे के मुताबिक अमरावती विभाग में करीब 104677 हेक्टयर गायरन जमीन उपलब्ध है। इसमें 18541 अवैध निर्माण किए गए हैं। जबकि 811.5 हेक्टेयर क्षेत्र पर अतिक्रमण है। इसी तरह औरंगाबाद विभाग में 27037.1 हेक्टर गायरन जमीन 54133 अवैध निर्माण किए गए हैं। यहां 2419.64 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। नाशिक विभाग की 54683.995 हेक्टेयर गायरन जमीन पर 38310 अवैध निर्माण किए गए हैं और 696.267 हेक्टेयर गायरन जमीन पर अतिक्रमण है। कोकण विभाग में 9812.6 हेक्टेयर गायरन जमीन है। जिस पर 23923 अवैध निर्माण हैं। जबकि 953.5919 हेक्टेयर जमीन क्षेत्र पर अतिक्रमण है।
हलफनामे के अनुसार राज्य के 6 विभागों में कुल 12 जुलाई 2011 से 15 सितंबर 2022 के बीच 24513 अतिक्रमणों को हटाया गया है। जबकि जुलाई 2011 तक 12652 अतिक्रमण को नियमित किया गया है। राजस्व व वन विभाग के संयुक्त सचिव ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों से मंगाई गई जानकारी के आधार पर कोर्ट में हलफनामा दायर कर गायरन जमीन के बारे में जानकारी दी है। खंडपीठ ने 17 नवंबर 2022 को इस याचिका पर अगली सुनवाई रखी है।
Created On :   7 Oct 2022 8:01 PM IST