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जेल में 30 कमरों का क्वारेंटाइन सेंटर -कैदी को पहले पंद्रह दिन अलग रहना होगा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सेंट्रल जेल में अब जो भी नया कैदी आएगा, उसको 15 दिन अलग से बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में ही रहना पड़ेगा। इसके लिए 30 कमरों वाले बैरक को ही क्वारेंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया गया है। इसमें ही इंदौर से आए तीन पत्थरबाजों को रखा गया है। इनका एक साथी जावेद खान कोरोना पॉजिटिव होने के कारण मेडिकल अस्पताल में भर्ती है। अब जो भी बंदी जेल पहुँच रहे हैं, उन सभी को पहले 15 दिन इसी क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। इसी सेंटर में इंदौर से आए तीन बंदी सलीम उर्फ सल्लू, मो.मुस्तफा और मो.गुलरेज को रखा गया है।
इस सेंटर की खासियत यह है कि इसमें एक कमरे में ही नहाने, बाथरूम की व्यवस्था है। उन्हें किसी काम के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति आता है, तो कम से कम दूसरे बंदी उससे संक्रमित न हो सकें। जेल प्र्रशासन का मानना है कि कई बार देर से व्यक्ति के संक्रमित होने का पता चलता है, उसके कारण ही जो भी बंदी आता है, उसको अलग रखे जाने की व्यवस्था की गई है।
यह निर्णय जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार द्वारा लिए जाने के बाद से ही एक मेडिकल टीम भी बंदियों की नियमित जाँच कर रही है। अब तक एक भी बंदी में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं। जो बंदी इंदौर से आया था, उसे जेल के बाहर से ही विक्टोरिया अस्पताल जाँच के लिए भिजवा दिया गया था। जेल में कोरोना से बचाव के लिए ही नए बंदियों को अलग रखकर जाँच की जा रही है।
बचाव के लिए अभियान
इस समय कोरोना सुरक्षा दल भी सक्रिय कर दिया गया है। यह दल बंदियों को मास्क लगाकर रखने एवं कोरोना से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने का अभियान चला रहा है। इससे भी बंदियों की आदतों में काफी सुधार आया है।
Created On :   16 April 2020 4:00 PM IST