नर्मदा तट से 300 मी. दायरे में 687 निर्माण कठघरे में, हाई फ्लो लेवल से नाप हुई तो दायरे में आएँगी दर्जनों कॉलोनियाँ

नर्मदा तट से 300 मी. दायरे में 687 निर्माण कठघरे में, हाई फ्लो लेवल से नाप हुई तो दायरे में आएँगी दर्जनों कॉलोनियाँ
नर्मदा तट से 300 मी. दायरे में 687 निर्माण कठघरे में, हाई फ्लो लेवल से नाप हुई तो दायरे में आएँगी दर्जनों कॉलोनियाँ

नापजोख का शुरुआती प्वॉइंट कौन सा? 15 जुलाई के बाद हटाए जा सकते हैं निर्माण, नोटिस बँटना शुरू, ग्वारीघाट, तिलवारा, भेड़ाघाट क्षेत्र शामिल
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
नर्मदा तट से 300 मीटर तक का दायरा पहले से ही कठघरे में रहा है लेकिन अब यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि नापजोख का शुरुआती प्वॉइंट क्या होगा? दरअसल, इस पूरे मामले में दो तरह के पहलू सामने आए हैं। एक में तट से 300 मीटर दूरी तक के निर्माण को अतिक्रमण के दायरे में माना गया है, जबकि कोर्ट के फैसले में ही नापजोख के लिए नर्मदा के हाई फ्लड लेवल (एचएफएल) को स्टार्टिंग प्वॉइंट कहा गया है। इस पैमाने से अगर नर्मदा तटों पर बुल्डोजर चलाए जाते हैं तो दर्जनों कॉलोनियाँ प्रभावित होंगी, कई बड़े-बड़े प्रोजेक्ट भी जद में आएँगे।  नर्मदा किनारे के दायरे से 300 मीटर दूर तक अतिक्रमण हटाने की शुरुआती प्रशासनिक प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। ऐसे रहवासियों को नोटिस थमाने का काम शुरू कर दिया गया है। पता चला है कि 15 जुलाई के बाद से निर्माण को अवैध मानते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है। 687 निर्माण चिन्हित, हटाने की तैयारीमप्र हाईकोर्ट की जनहित याचिका 7229/2013 तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से पारित आदेश के परिपालन में नर्मदा तट से 300 मीटर के दायरे में 687 निर्माण चिन्हित किए गए हैं। जिला प्रशासन ने हाल फिलहाल तकरीबन 150 नोटिस जारी किए हैं। जल्द ही कब्जे हटाए जाएँगे।
नोटिस दिए जा रहे हैं 
*नर्मदा तट से 300 मीटर के दायरे में आने वाले सभी निर्माण करने वालों को नोटिस दिए जा रहे हैं। जल्द ही उन्हें हटाने की कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर की जाएगी। 
दिव्या अवस्थी, एसडीएम गोरखपुर।
एचएफएल से मेजरमेंट हुआ तेज
अतिक्रमण को हटाने के लिए कौन का फॉर्मूला अपनाया जाएगा यह अभी तय नहीं लेकिन यह पुख्ता है कि तट से 300 मीटर दायरे के निर्माण हर हाल में प्रभावित होंगे। वहीं अगर हाई फ्लड लेवल को शुरुआती बिंदु मानकर नापजोख की जाती है तो दायरा कई गुना बड़ा होगा। दर्जनों कॉलोनियाँ कठघरे में आएँगी, कई बड़े प्रोजेक्ट भी निशाने पर रहेंगे। प्रशासनिक तौर पर इसके लिए भी सर्वे कराया गया है लेकिन इसकी रिपोर्ट अभी से चौंकाने लगी है।
 

Created On :   5 July 2021 2:38 PM IST

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