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वोटर बढ़े : अब पोलिंग में लगेंगे 31 हजार कर्मचारी, 4 हजार कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण

डिजिटल डेस्क,नागपुर। विधानसभा चुनाव में पोलिंग बूथ पर इस बार रिकॉर्ड तोड़ अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती होगी। जिला निर्वाचन कार्यालय ने पोलिंग बूथों पर 27 हजार कर्मचारियों को नियुक्त करने की तैयारी थी, लेकिन वोटर बढ़ने से अब यह आंकड़ा 31 हजार पर पहुंच रहा है। समय कम होने से शासकीय अवकाश के दिन 4 हजार कर्मचारियों को चुनाव का प्रशिक्षण दिया गया।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिला निर्वाचन कार्यालय ने 40 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को इसमें लगाया है, जिसमें से 27 हजार कर्मचारी केवल पोलिंग से संबंधित कार्य ही देखेंगे। 19 सितंबर से 26 सितंबर तक 27 हजार कर्मचारियों को चुनाव संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। जिले में 12 विधानसभा क्षेत्र हैं और केवल 5 महीने में ही जिले में 82076 वोटर बढ़ गए। इसमें महिला वोटरों ने बाजी मारी है। इनकी संख्या 43757 है। एक पोलिंग बूथ की अधिकतम क्षमता 1500 वोटर होती है और वोटर बढ़ने से पोलिंग बूथ बढ़ने के साथ ही इस कार्य में लगनेवाले कर्मचारी बढ़ाने का फैसला लिया गया।
4382 पोलिंग बूथ
जिले में (शहर व ग्रामीण) 4382 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इसमें 30 पूरक बूथ भी लगाए जाएंगे। इन पूरक बूथों को पुराने बूथ के समीप ही ए, बी ऐसे नाम दिए जाएंगे। हर बूथ पर कम से कम 4 लोग होंगे, जिसमें एक अधिकारी व 3 कर्मचारी शामिल होंगे।
41 लाख 63 हजार वोटर
जिले में (शहर व ग्रामीण) कुल 41 लाख 63 हजार 367 वोटर हैं, जिसमें 21 लाख 31 हजार 149 पुरुष व 20 लाख 32 हजार 118 महिला वोटर हैं। तृतीयपंथी वोटरों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है।
चुनाव खर्च निरीक्षक चक्रवर्ती पहुंची सनियंत्रण समिति कक्ष
चुनाव खर्च निरीक्षक सुब्राज्योति चक्रवर्ती ने जिलाधीश कार्यालय स्थित माध्यम प्रमाणीकरण व सनियंत्रण समिति कक्ष को भेंट दी। इस दौरान जिला सूचना अधिकारी शैलजा वाघ दांदले ने माध्यम प्रमाणीकरण व सनियंत्रण समिति कक्ष के संबंध में उन्हें जानकारी दी। माध्यम प्रमाणीकरण व सनियंत्रण समिति की ओर से जिले के सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों के प्रचार व प्रसिद्धि सामग्री का छपाई के पहले जांच करना, दृकश्राव्य विज्ञापन की जांच, पेड न्यूज पर नजर रखी जाती है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।