Nagpur News: किसानों के विकास से ही अर्थव्यवस्था का होगा उत्थान

किसानों के विकास से ही अर्थव्यवस्था का होगा उत्थान
  • दैनिक भास्कर की चर्चा सत्र
  • विविध क्षेत्र के विशेषज्ञों ने रखी राय

Nagpur News किसानों के विकास से ही देश की अर्थव्यवस्था का उत्थान होगा। किसानों द्वारा उत्पादित हर माल पर सरकार जीएसटी वसूलती है। किसानों को दिन-प्रतिदिन नुकसान हो रहा है। उनसेे माल खरीदने वाले व्यापारी मालामाल हो रहे हैं। इस खाई को पाटने की आवश्यकता है। आज गांव में कोई भी रहना नहीं चाहता है। सभी शहर की ओर भाग रहे हैं। किसान का बच्चा किसान नहीं बनना चाहता है। सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर आबादी को गांव में ही रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए। देश में अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई चिंताजनक है। यह विचार दैनिक भास्कर के संपादकीय सहयोगियों के साथ आयोजित विशेष चर्चा सत्र में विविध क्षेत्र के विशेषज्ञों ने व्यक्त किए।

ग्रामीण सुविधाओं से वंचित : हमारे देश में समाजवाद और पूंजीवाद मिलकर अर्थव्यवस्था पर हमला कर रहे हैं। कॉर्पोरेट जगत लोकल मार्केट को समाप्त कर रहे हैं। बड़े कॉर्पोरेट अपने हिसाब से कानून में बदलाव करवा रहे हैं। इससे खुदरा व्यापारियों का भविष्य खतरे में है। हमारी अर्थव्यवस्था कृषि और आध्यात्म पर आधारित है। विडंबना है कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था होने के बावजूद ग्रामीण भाग में रहने वाले लोग ही सुविधाओं से वंचित हैं। कॉर्पोरेट जगत और मॉल संस्कृति के कारण देश के पारंपरिक मार्केट समाप्त होते जा रहे हैं। सरकार को इन मार्केट्स को मॉल में कन्वर्ट करने की प्लानिंग करनी चाहिए। भारत विश्व का सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट है। इस पर विदेशी लोग कब्जा कर रहे हैं। देश में नीतियां अब विदेशी कंपनियों के अनुसार बन रही हैं। कुछ साल पहले तक सरकार आरएनडी के लिए प्रोत्साहन देती थी। अब फिर वैसा ही प्रोत्साहन देने की जरूरत है। बी. सी. भरतिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)

9 फीसदी की आर्थिक ग्रोथ चाहिए : हमारी अर्थव्यवस्था काफी अच्छी स्थिति में है। वर्तमान में इसकी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत है, फिर भी हम प्रति व्यक्ति आय के मामले में काफी पिछड़े हुए हैं। देश में बेरोजगारी दर काफी अधिक है। सर्विस सेक्टर का भी योगदान काफी कम है। 1947 तक चाइना को पीछे करने के लिए हमें 9 प्रतिशत की आर्थिक ग्रोथ चाहिए। कृषि का विकास करने की जरूरत है। इसके लिए हमें नई तकनीक लानी होगी। लाडली बहन योजना के मुकाबले महाराष्ट्र के किसानों को कर्ज माफी ज्यादा जरूरी थी। हमें एग्रीकल्चर और मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर को ऊपर लाना होगा। हमारा रेवेन्यू कलेक्शन बहुत अच्छा है, लेकिन उसका यूटिलाइजेशन नहीं है। - सीए कैलाश जाेगानी, अध्यक्ष नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स लिमिटेड

किसानों को नहीं मिलता सम्मान : ऑनलाइन के इस जमाने में महिलाओं के लिए बहुत से बिजनेस हैं, जिन्हे वे घर-बैठे कर रही हैं। महिलाओं को ऐसे बिजनेस पर ध्यान देना चाहिए। यह दौर महिलाओं के लिए बिजनेस करने के लिए बेस्ट है। ऑनलाइन मार्केट और माउथ पब्लिसिटी के माध्यम से बहुत सी महिलाओं ने अपने बिजनेस को घर बैठे काफी बढ़ाया है। आने वाले समय में एसएमई को भी ऑनलाइन बिजनेस करना पड़ेगा। सरकार को भी ऑनलाइन प्लेटफार्म का उपयोग करना चाहिए। आज भी किसानों को समाज में सम्मान नहीं मिलता है। हमें यह नजरिया बदलने की जरूरत है। विदेशों में किसानों का मार्केट लगता है, जहां से ग्राहकों को सीधे माल बेचते हैं। हमारे देश में भी इस प्रकार की पहल करने की आवश्यकता है। सरकार को ऑनलाइन फ्रॉड पर रोक लगानी चाहिए। अब भी बहुत से लोग ऑनलाइन पर विश्वास नहीं करते हैं। जाे व्यक्ति ऑनलाइन खरीदी करते हैं, उन्हें संभावित फ्रॉड से बचने के लिए कस्टमर केयर टीम से बात करनी चाहिए। - मधुबाला सिंह, अध्यक्ष,

विदर्भ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, महिला विंग जो महिलाएं घर से काम करती हैं या जिनके पास दुकान शुरू करने के लिए लागत नहीं है, उनके लिए हैदराबाद में बिजनेस पार्क बनाया गया है। इस पार्क में व्यापार के लिए जरूरी सभी सुविधाएं हैं। ऐसा ही पार्क नागपुर में भी बनाने के लिए हमने एकनाथ शिंदे को प्रपोजल दिया है। इसके लिए हमने मिहान में जगह की मांग की है। -योगिता देशमुख, सचिव, विदर्भ इंडस्ट्रीज एसो. महिला विंग

एग्रो बेस्ड वेयर हाउसिंग नेटवर्क तैयार हो : देश की ग्रोथ हो रही है। आंकड़ों में इसे देखा भी जा सकता है, लेकिन इस ग्रोथ का आकलन करना जरूरी है। भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए 8 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ चाहिए। देश की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 साल से नीचे की है। इसे इकोनॉमिक ग्रोथ का हिस्सा बनाने से देश को फायदा होगा। स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रमोट करने से देश की आर्थिक तरक्की होगी। हमें ग्रामीण भाग में और मिडिल क्लास लोगों में कंजम्पशन को बढ़ाना होगा। मेक इन इंडिया को अफोर्डेबल बनाकर मेड इन इंडिया और कन्ज्यूम इन इंडिया करना चाहिए। देश में कृषि विकास नहीं है। इसके लिए देश को दूसरी हरित क्रांति लाने की जरूरत है। देश में एग्रो बेस्ड वेयर हाउसिंग का नेटवर्क डेवलप करना चाहिए। किसानों के लिए भी कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाए जाएं। जब तक किसानों की आय नहीं बढ़ेगी, तब तक अर्थव्यवस्था का उद्धार मुश्किल है। दीपेन अग्रवाल, अध्यक्ष चेम्बर ऑफ एसो. ऑफ महाराष्ट्र इंडस्ट्री एंड ट्रेड


Created On :   8 July 2025 1:51 PM IST

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