आर्थिक मंदी से बिजली की मांग में 33% की कमी, अब नहीं लगेंगे थर्मल पॉवर स्टेशनः राऊत

33% reduction in electricity demand due to economic downturn
आर्थिक मंदी से बिजली की मांग में 33% की कमी, अब नहीं लगेंगे थर्मल पॉवर स्टेशनः राऊत
आर्थिक मंदी से बिजली की मांग में 33% की कमी, अब नहीं लगेंगे थर्मल पॉवर स्टेशनः राऊत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में अब नए थर्मल बिजली उत्पादन केंद्र नहीं लगाए जाएंगे। बिजली मांग के 25 फीसदी हिस्से के लिए अपारंपरिक व नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है। राज्य के ऊर्जामंत्री डॉ नितिन राऊत ने गुरुवार को राज्य के खाद्य-आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी। नाशिक के एकलहरे स्थित महानिर्मिति कंपनी के बंद बिजली उत्पादन यूनिट को फिर से शुरु करने और नए मंजूर 660 मेगावाट के नए यूनिट को बनाने को लेकर देवलाली की विधायक सरोज अहिर, इगतपुरी के विधायक हिरामण और अमलनेर के विधायक अनिल पाटील की मांग पर यह बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान ऊर्जामंत्री ने कहा कि आर्थिक मंदी के चलते बिजली की मांग में 33 फीसदी की कमी आई है। इस लिए बंद किए गए पुराने बिजली उत्पादन यूनिट शुरु नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकारी बिजली कंपनी महावितरण ने 35 हजार मेगावाट बिजली की खरीद के लिए विभिन्न बिजली उत्पादक कंपनियों से करार किया है। इसमें से केवल 14 हजार 500 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है।

बाकी बिजली का भार महावितरण को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल बिजली की मांग नकारात्मक होने के कारण विद्युत नियामक आयोग ने  सस्ती बिजली खरीदने का निर्देश दिया है। इस लिए बंद व नए बिजली यूनिट फिलहाल नहीं शुरु किए जा सकेंगे। इस दौरान ऊर्जामंत्री ने बताया कि महावितरण ने महानिर्मिति के साथ केंद्रीय ऊर्जा परियोजना व निजी बिजली उत्पादकों से 35 हजार मेगावाट बिजली खऱीदने का करार किया है। इसमें 8 हजार मेगावाट अपारंपरिक व नवीकरणीय ऊर्जा खऱीदी करना अनिवार्य है। इस लिए राज्य सरकार ने तय किया है कि अब नए थर्मल पावर स्टेशन नहीं शुरु किए जाएंगे। ऊर्जामंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने की नीति के तहत 25 फीसदी सौर ऊर्जा की खरीद आवश्यक है। 

 

Created On :   27 Aug 2020 8:36 PM IST

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