नर्मदा नदी क्षेत्र में हुए निर्माणों की रिपोर्ट पेश करने 4 हफ्ते की मोहलत

4-week delay to submit the report of the construction done in Narmada River area
नर्मदा नदी क्षेत्र में हुए निर्माणों की रिपोर्ट पेश करने 4 हफ्ते की मोहलत
नर्मदा नदी क्षेत्र में हुए निर्माणों की रिपोर्ट पेश करने 4 हफ्ते की मोहलत

सरकार ने कहा- टीमें बनीं और वक्त चाहिए, अगली सुनवाई 18 जनवरी को
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
हाईकोर्ट ने नर्मदा नदी के क्षेत्र में हुए निर्माणों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य सरकार को चार सप्ताह की मोहलत दे दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को नियत की है। 26 नवंबर को डिवीजन बैंच ने राज्य शासन को नर्मदा नदी के क्षेत्र में हुए निर्माणों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। बुधवार को सुनवाई के दौरान उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने डिवीजन बैंच से अनुरोध किया कि नर्मदा नदी के क्षेत्र में हुए निर्माणों का सर्वे कराने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है। सर्वे का काम चल रहा है। इसको देखते हुए रिपोर्ट पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया जाए, जिसे डिवीजन बैंच ने स्वीकार कर लिया है।
यह है मामला -  नर्मदा मिशन के अध्यक्ष नीलेश रावल और समर्थ गौ चिकित्सा केन्द्र के अध्यक्ष शिव यादव की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि नर्मदा नदी के तिलवाराघाट पर अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। याचिका में कहा गया कि अवैध निर्माण से नर्मदा नदी का अस्तित्व संकट में है। इस मामले में 15 फरवरी 2020 को हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने तिलवाराघाट जाकर मौके का निरीक्षण किया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी, अनावेदकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन सिंह और विपुल वर्धन जैन पैरवी कर रहे हैं। 

Created On :   17 Dec 2020 3:18 PM IST

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