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शर्मनाक: अस्पताल के कर्मचारी ने हटाई ऑक्सीजन ट्यूब, मासूम की मौत

डिजिटल डेस्क सतना। सर्पदंश से पीडि़त चार वर्षीय बालक की उपचार के दौरान बिरला अस्पताल में मौत हो गयी। जिस पर आरक्षक पिता ने मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई तो उसी अस्पताल में सर्पदंश से आहत होकर भर्ती बेटी को जिला अस्पताल ले गया। इस संबंध में अस्पताल चौकी पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सिटी कोतवाली में तैनात आरक्षक जयप्रकाश कुशवाहा के 4 वर्षीय बेटे प्रिंस को 5 अक्टूबर की सुबह सोते समय सर्प ने डस लिया था। तब आरक्षक ने बेटे को बिरला अस्पताल में भर्ती कराया जहां 9 अक्टूबर को रात करीब साढ़े 9 बजे उसकी मौत हो गयी। जिस पर आरक्षक जेपी ने आरोप लगाया कि प्रिंस की मौत से कुछ देर पहले आरके तिवारी नामक कर्मचारी आया था जिसने लापरवाही पूर्वक ऑक्सीजन ट्युब निकाल दी जिसके कारण बच्चे की जान चली गयी।
लापरवाही का आरेाप
अस्पताल प्रबंधन पर मरीजों की देखभाल में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जेपी ने अपनी बेटी अंकिता की भी छुट्टी करवाई और जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। जिसे 7 अक्टूबर को घर में ही सर्प ने डस लिया था। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। वहीं मंगलवार सुबह चौकी पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर बच्चे का शव परिजन के सुपुर्द कर दिया।
भाई-बहन को सर्प ने डसा, किशोर की मौत- उचेहरा थाना अंतर्गत बउली चौराहे पर रहने वाले कांग्रेस नेता के बेटे-बेटी को सोमवार रात जहरीले सर्प ने डस लिया। जिस पर उपचार के लिए सतना से जबलपुर ले जाते समय बेटे की मौत हो गई तो मर्ग कायम कर पुलिस ने जांच शुरु कर दी वहीं किशोरी की हालत स्थिर बनी हुई है। इस संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार रात तकरीबन 10 बजे विधायक प्रतिनिधि व अधिवक्ता मोहम्मद शफीक खान अपने परिवार के साथ खाना खाने के बाद सो गए थे। उनका बेटा जैनुल अबदीन 13 वर्ष और बेटी रुकसार 15 वर्र्ष, पहली मंजिल में बने कमरे में आराम करने चले गए। जहां से एक घंटे बाद दोनों के चीखने की आवाज आई तो शफीक व उनकी पत्नी ने दौड़कर कमरे में पहुंचे ही लाइट जलाई तो बिस्तर के कोने पर बैठे नाग पर नजर पड़ी तो वे भी घबरा गए। फिर किसी तरह हिम्मत जुटाकर डंडे से नाग को दूर हटाया और मोहल्ले -पड़ोस के लोगों की मदद से आनन-फानन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए जहां से डॉक्टर ने तुरंत ही जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन यहां भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो बिरला हास्पिटल में भर्ती कराया। वहां के डॉक्टरों ने जैनुल को जबलपुर रेफर कर दिया पर रास्ते में ही उसकी सांसे थम गई तो शव लेकर परिजन उचेहरा आ गए जहां पोस्टमार्टम के पश्चात मंगलवार शाम को दफना दिया गया। वहीं डॉक्टरों की कोशिश से अधिवक्ता की बेटी की जान बच गई। इस घटना में खान परिवार के इकलौते बेटे की मौत से पूरे कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई और बड़ी संख्या में लोगों ने उनके घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की।
Created On :   11 Oct 2017 3:56 PM IST