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फडणवीस के आरोप पर स्वास्थ्य मंत्री की सफाई, एनएचएम में नौकरी के नाम पर 400 करोड़ का घोटाला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को लेकर मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जो आरोप लगाए हैं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने उस पर सफाई दी है। टोपे ने कहा कि एनएचएम में ठेके पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों को सेवा में शामिल करने को लेकर पिछली सरकार ने मंत्रियों के समूह का गठन किया था। तत्कालीन वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार इसके अध्यक्ष थे। मंत्रिसमूह ने ठेके पर काम कर रहे इन कर्मचारियों को सेवा में शामिल करने की सिफारिश की थी और इससे जुड़ी कार्यवाही पिछली सरकार के कामकाज के दौरान ही शुरू हो गई थी। टोपे ने कहा कि उन्हें पिछले महीने गढचिरोली में इस बात की जानकारी हुई कि ठेके पर नियुक्त कर्मचारियों को सेवा में शामिल करने के लिए पैसे इकठ्ठा किए जा रहे हैं। इसके बाद तुरंत उन्होंने गढचिरोली के पुलिस अधीक्षक शैलेश बलकवडे और नागपुर विभाग के स्वास्थ्य उपसंचालक जयस्वाल को मामले की तह में जाकर जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है। टोपे ने कहा कि कर्मचारियों को भी इस तरह के झांसे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों को सेवा में शामिल करने से जुड़ी रिपोर्ट पर सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए नीति तैयार करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
एनएचएम में नौकरी के नाम पर 400 करोड़ का घोटाला
विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार की निधि से राज्य में चलने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में चार सौ करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर मामले की जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में फडणवीस ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन केंद्र सरकार की योजना है। पर इसका क्रियान्वयन राज्य सरकार करती है। इसमें कर्मचारियों की नियुक्ति भी राज्य सरकार ही करती है। एनएचएम में ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई करने के नाम पर राज्यभर में आर्थिक लेनदेन शुरु हुआ है। पत्र के साथ फडणवीस ने तीन आडियो क्लिप भी मुख्यमंत्री के पास भेजा है। राज्य में करीब 20 हजार ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनको परमानेंट करने के लिए एक से ढाई लाख रुपए लिए जा रहे हैं। इससे करीब 300 से 400 करोड़ रुपए जुटाए जा रहे हैं। यह सब किसकी कृपा से हो रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए। सेवा में स्थाई करने के लिए 400 करोड़ का कारोबार महाराष्ट्र में होना गंभीर मामला है।
भाजपा नेता ने कहा कि उम्मीदवारों से प्रत्यक्ष तौर पर 1 रुपए का सहमति पत्र और 500 रुपए की निधि संकलित की जा रही है। आवेदन पर हस्ताक्षर के साथ उनसे कहा जा रहा है कि 1 से 2 लाख की नकद रकम लिफाफे में रख कर अलग से दो। यह रकम 500 और 2 हजार रुपए के नोट में मांगा जा रहा है। कई लोगों ने यह रकम देने के लिए कर्ज भी लिए हैं। उनसे कहा जा रहा है कि बैंक से पैसे निकाल कर तैयार रखिए, कभी भी देना पड़ सकता है। कुछ लोगों ने इसके लिए खासतौर से बैंक खाते भी खोल रखे हैं। विपक्ष के नेता ने कहा कि केवल एक अभियान में नौकरी स्थाई करने के नाम पर 400 करोड़ रुपयों का वारा-न्यारा हो रहा है, तो कोरोना काल में मेडिकल क्षेत्र में कितने घोटाले हुए होंगे इसकी कल्पना की जा सकती है।
Created On :   28 Oct 2020 6:08 PM IST