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ढ़हाए गए कुख्यात गांजा तस्कर जस्सा के 5 भवन - 8 घंटे चली कार्रवाई

डिजिटल डेस्क सतना। अंतरराज्यीय गांजा तस्कर अनूप जायसवाल उर्फ जस्सा के द्वारा नशे की कमाई से सरकारी जमीनों पर कब्जा कर ताने गए आलीशान मकानों और दुकानों को पुलिस और प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। नागौद थाना क्षेत्र के पोड़ी कस्बे में एसडीएम दिव्यांक सिंह और एआईजी हितिका वासल के नेतृत्व में बुधवार सुबह 9 बजे से शुरु की गई कार्र्रवाई जब शाम 5 बजे समाप्त हुई तो जस्सा का साम्राज्य तबाह हो चुका था। जिले में आदतन अपराधियों के खिलाफ इस तरह के पहले एक्शन में लगभग ढ़ाई करोड़ मूल्य के 5 भवन गिराए गए। इस दौरान प्रशासनिक अमले के साथ भारी पुलिस बल ने मोर्चा संभाल रखा था। हालांकि किसी प्रकार के प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। गिराए गए भवन आराजी क्रमांक 1091(मध्यप्रदेश शासन पहाड़) और 1089/1 पर निर्मित थे। पोड़ी चौराहे पर बने तीन मंजिला रिहायसी भवन को गिराने से पूर्व 10 दिन की मोहलत दी गई है ताकि यहां रहने वाले लोग सामान हटा सके। इस घर में जस्सा के परिजन रहते हैं। घर और दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे,जिनसे आने-जाने वालों पर नजर रखी जाती थी।
स्कूल भवन से शुरु राशन दुकान पर खत्म
1 -जस्सा के बेजा कब्जा तोडऩे का अभियान उचेहरा-नागौद मार्ग पर एमपीईबी के सबस्टेशन के सामने बने दो मंजिला भवन को गिराने के साथ प्रारंभ किया गया, जिसे निजी विद्यालय चलाने के लिए किराये पर दिया गया था। तोड़-फोड़ से पूर्व स्कूल चलाने वालों को बिल्डिंग के अंदर रखा सामान हटाने का मौका भी दिया गया और फिर दो पोकलैंड मशीन लगाकर डेढ़ घंटे में भवन को ध्वस्त कर दिया गया। इस बीच एक मशीन का कांच भी फूट गया था। 3 हजार वर्ग फीट पर फैले इस मकान की कीमत 50 लाख रुपए आकी गई।
2 -इसके बाद पुरानी शराब दुकान के एक मंजिला मकान को ढहाया गया। यहां पर भी सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया था,जिसमें सामने की तरफ तीन कमरे और दुकान बनाई गई थी तो पीछे आधा एकड़ खाली जमीन को पक्की बाउंड्री बनाकर घेरा गया था, जिसकी कीमत 25 लाख रुपए निकाली गई। पूर्व में जब जस्सा की मां के नाम पर उचेहरा मदिरा समूह का ठेका था,तब यहां से देशी शराब दुकान का संचालन किया जाता है।
3 -दो कब्जे गिराने के बाद पुलिस-प्रशासन का अमला परसमनिया रोड पर वन चौकी की लगभग 3 हजार वर्ग फीट जमीन पर कब्जा कर बनाए जा रहे करीब 1 करोड़ के आलीशान मकान को ध्वस्त करने पहुंच गया लेकिन एक पोकलैंड मशीन के जरिए निर्माणाधीन भवन को गिराने की कार्रवाई तेजी से नहीं हो पा रही थी। ऐसे में एक और मशीन बुलाई गई। यह मकान सर्वसुविधा युक्त तरीके से बन रहा था, जिसमें लोहा और कांक्रीट का भरपूर इस्तेमाल किया,जिसके कारण तोड़ फोड़ करने में मशीनों का भी दम निकल गया। सबसे आखिर तक इसी घर को गिराने की कार्रवाई चली।
4-इसके बाद बारी आई मेन रोड पर बने कॉम्पलेक्स के जिसमें 4 दुकान और पीछे रिहायसी कमरे बने हुए थे। यहां पर दो परिवार निवास भी करते थे, जिन्हें समय रहते सामान हटा लेने के लिए कहा गया और फिर जेसीबी लगाकर कॉम्पलेक्स को तोड़ दिया गया। 50 लाख कीमत की यह बिल्डिंग ग्राम सेवक कार्यालय के लिए आवंटित थी जिस पर तस्कर और उसके परिवार वालों ने कब्जा जमा रखा था। एक दुकान में जस्सा का पिता किराना का व्यापार करता था,जबकि अन्य दुकान किराये पर दे रखा था। थोड़ी देर के लिए कार्र्रवाई रोककर एक महिला को बचा कुचा सामान निकालने का मौका दिया गया।
5- तोड़ फोड़ अभियान के अंतर्गत सतना रोड पर बने भवन के दो हिस्सो को तोड़ा गया, मगर बीच वाले हिस्से में सरकारी उचित मूल्य की दुकान संचालित होने के कारण सेल्समैन को अनाज और अन्य सामग्री हटा लेने के लिए एसडीएम के द्वारा 10 दिन का समय प्रदान कर दिया गया। भवन की कीमत 25 लाख रुपए थी।
Created On :   30 July 2020 7:13 PM IST