राज्य में बनेंगे 5 हजार इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, रजिस्ट्रेशन में 157 प्रतिशत बढ़ोतरी

5 thousand electric vehicle charging stations will be built in the state
राज्य में बनेंगे 5 हजार इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, रजिस्ट्रेशन में 157 प्रतिशत बढ़ोतरी
लक्ष्य राज्य में बनेंगे 5 हजार इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, रजिस्ट्रेशन में 157 प्रतिशत बढ़ोतरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में पर्यावरण पूरक इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर देने वाली महाविकास आघाड़ी सरकार ने साल 2025 तक 5 हजार चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है। शुक्रवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार ने बजट में यह घोषणा की। सरकार ने 2021 से 2025 के लिए महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन नीति मंजूर की है। इसके तहत अप्रैल से दिसंबर 2021 की अवधि में राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीयन में 157 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने साल 2025 तक नए वाहनों के पंजीयन में इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। जबकि बड़े शहरों में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए 25 प्रतिशत  इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर जोर दिया जाएगा। 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बाहर निकल सकती है सरकार 

राज्य सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बाहर निकल सकती है। सरकार ने बजट में इस बारे में स्पष्ट संकेत दिए हैं। सरकार ने बजट में कहा है कि गुजरात समेत अन्य कई राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बाहर निकल गए हैं। महाविकास आघाड़ी सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर योजना में संशोधन करने का आग्रह किया है। यदि केंद्र सरकार ने यह मान्य नहीं किया तो राज्य सरकार किसानों को फसलों की नुकसान भरपाई देने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है। 

अपनी नाकामी छुपा रही सरकारः फडणवीस  

सरकार की इस भूमिका पर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए गुजरात पैटर्न का उल्लेख कर रही है। गुजरात में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है। गुजरात सरकार ने बीमा कंपनी के बजाय ट्रस्ट स्थापित किया है। फिर भी यदि महाराष्ट्र सरकार गुजरात पैटर्न लागू करना चाहती है तो कर सकती है। लेकिन सरकार अपनी नाकामी को न छिपाए। फडणवीस ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को नियमित रूप से नुकसान भरपाई मिलती थी। लेकिन अब सरकार फसल बीमा के लिए समय पर टेंडर ही जारी नहीं कर पाती है। फडणवीस ने कहा कि सरकार ने बीमा कंपनियों को हजारों करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया है। 

 

Created On :   11 March 2022 8:35 PM IST

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