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जेडीए की जमीन पर बन रहे अपूर्वा अपार्टमेंट के 56 फ्लैट
टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग व नगर निगम ने आँख बंद करके दे दी 6 फ्लोर की बिल्डिंग बनाने की अनुमति
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मुस्कान प्लाजा के पीछे रामेश्वर कॉलोनी एमआर फोर विजय नगर में जबलपुर विकास प्राधिकरण की बेशकीमती जमीन पर अपना मालिकाना हक बताकर बिल्डर ब्रजेश तिवारी द्वारा 56 फ्लैट की 6 मंजिला इमारत खड़ी की जा रही है। आश्चर्य का विषय यह है कि टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग एवं नगर निगम को जेडीए द्वारा एनओसी निरस्त किए जाने की जानकारी थी और यह भी मालूम था कि यह जमीन जेडीए की है उसके बाद भी आँख बंद करके ले-आउट व नक्शा स्वीकृत कर दिया गया और जबलपुर विकास प्राधिकरण में बैठे मुख्य कार्यपालिक अधिकारी से लेकर निचले स्तर के अधिकारियों तक ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की।
जानकारी छिपाकर कराई रजिस्ट्री
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राज.नि.म. 1 न.ब. 643 प.ह.नं. 25/31 ग्राम लक्ष्मीपुर तहसील जिला जबलपुर खसरा नंबर 68/2 का कुल रकबा .699 हेक्टेयर में से .294 हेक्टेयर भूमि का क्रय विभिन्न विक्रेताओं से क्रेता ब्रजेश तिवारी ने विक्रय पत्र दिनांक 6 जून 2011 को भूमि क्रय की थी। जिसका नया खसरा 68/2/1 रकबा .294 हेक्टेयर है। इस भूमि के विक्रय पत्र में तत्कालीन न्यास व वर्तमान में जबलपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा अर्जित खसरा 68/2 जिसका प्रकाशन अन्य खसरों के साथ दिनांक 5 अक्टूबर 1979 को राजपत्र में प्रकाशित हो चुका है। इस अहम जानकारी को छिपाकर बिल्डर ने इस भूमि को प्राप्त किया। कानून के अनुसार यह रजिस्ट्री शून्य व निष्प्रभावी है।
निरस्त एनओसी में हो गया नक्शा पास
शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि जबलपुर विकास प्राधिकरण से गलत तरीके से एनओसी पहले जारी की गई और उसके बाद यह एनओसी पाँच साल तक ब्रजेश तिवारी दबाकर रखे रहे। अचानक उक्त एनओसी के आधार पर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में ले-आउट के लिए वही एनओसी प्रस्तुत कर दी गई। इसके साथ ही नक्शा पास कराने के लिए भी उक्त दस्तावेज का उपयोग किया गया। टीएनसीपी ने 19 जुलाई 2019 को ले-आउट की स्वीकृति दे दी और उसके बाद 23 दिसम्बर 2019 को नक्शा स्वीकृत कर दिया, जबकि उक्त जेडीए बोर्ड (संचालक मंडल) द्वारा 22 मार्च 2018 को एनओसी को निरस्त किया जा चुका था और सारे विभागों को सूचनार्थ भी भेज दिया गया था। उसके बाद भी अधिकारियों ने एक साल बाद उक्त आदेश का परीक्षण किए बिना सारी स्वीकृति दे डाली। प्राधिकरण संचालक मंडल में दोनों ही विभागों के मुखिया सदस्य हैं और इन्हीं की उपस्थिति में सारे निर्णय लिए गए थे, उसके बाद भी इन विभागों के जिम्मेदारों ने आँख बंदकर अनुमति दे दी।
इस तरह की जेडीए से साँठगाँठ
शिकायतकर्ता का कहना है कि दस्तावेजों की जाँच की जाए तो ये तथ्य सामने आएँगे कि बिल्डर ब्रजेश तिवारी ने अधिकारियों से मिलीभगत करते हुए 10 मार्च 2014 को तत्कालीन भू-अर्जन द्वारा उपरोक्त खसरे के अर्जन की जानकारी को छिपाते हुए न्यायालय अधीक्षक भू-अभिलेख भूमि जिला अध्यक्ष कार्यालय कक्ष क्रमांक 61 को एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी किया गया है। इस अनापत्ति पत्र में भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि यह उपरोक्त खसरा नगर सुधार न्यास के द्वारा अधिकृत किया जा चुका है।
*************** जब मैं चेयरमैन था तो उस वक्त बोर्ड बैठक में सारे विभागों के अधिकारी उपस्थित थे और उक्त प्रकरण में चर्चा उपरांत प्राधिकरण की योजना क्रमांक 11 के द्वितीय चरण में राज.नि.म. 1 न.ब. 643 प.ह.नं. 25/31 ग्राम लक्ष्मीपुर तहसील जिला जबलपुर खसरा नंबर 68/2 का कुल रकबा .699 हेक्टेयर में से .294 हेक्टेयर भूमि की एनओसी निरस्त की गई थी। इसके अलावा अन्य एनओसी भी निरस्त करते हुए सूचना का प्रकाशन किया गया था, जिसमें उल्लेख था कि प्रकाशन तिथि के बाद न्यास के सिवाय दूसरे किसी का भी भूमि पर स्वामित्व व हक नहीं रहेगा।
-विनोद मिश्रा, पूर्व जेडीए अध्यक्ष
Created On :   23 Jun 2021 2:14 PM IST