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15 वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 57 कर्मचारियों की गई नौकरी, 200 रुपए लेने वाला मुख्याध्यापक हुआ था बर्खास्त
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछले 15 सालों में मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के 57 कर्मचारी और अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त किए जा चुके हैं। साल 2005 से अगस्त 2021 तक बर्खास्त किए गए इन कर्मचारियों में से 53 घूस लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा रंगेहाथों पकडे गए थे। इसके अलावा 3 मामलों में आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ था जबकि एक मामले में भ्रष्टाचार (कदाचार) के आरोप में कार्रवाई की गई।
आरटीआई कार्यकर्ता जीतेंद्र घाडगे द्वारा सूचना अधिकार कानून के तहत हासिल की गई जानकारी के मुताबिक लोगों से ली गई घूस की रकम 200 रुपए से लेकर पौने दो लाख रुपए तक थी। मुंबई महानगर पालिका के एक मुख्यध्यापक को सर्टिफिकेट की दूसरी प्रति देने के लिए 200 रुपए लेते पकड़ा गया था जिसे महानगर पालिका ने बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा अवैध मरम्मत के काम के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए पौने दो लाख रुपए घूस लेने वाला एक बीएमसी अधिकारी भी बर्खास्त किए गए लोगों की सूची में शामिल है। हालांकि कुछ मामलों में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई में मुंबई महानगर पालिका ने कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई।
रिश्वत लेने के 10 साल बाद हुई कार्रवाई
2010 में घूस लेने के मामले में दोषी करार दिए गए एक अधिकारी को मुंबई महानगर पालिका ने साल 2020 में नौकरी से बर्खास्त किया। जाहिर है अधिकारी को 10 सालों तक बचाने को कोशिश की जाती रही।
संपत्ति का ब्यौरा देना हो अनिवार्य
आरटीआई कार्यकर्ता घाडगे के मुताबिक भ्रष्टाचार के ज्यादातर मामलों में शिकायतकर्ता सामने नहीं आना चाहते ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज कर खुद भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसना चाहिए। मनपा आयुक्त को भी चाहिए कि वे बीएमसी अधिकारियों के लिए संपत्ति का सालाना ब्यौरा देने के निर्देश दें। साथ ही आंतरिक तौर पर भी भ्रष्ट लोगों की पहचान करने के तरीके अपनाए जाने चाहिए।
Created On :   29 Nov 2021 8:41 PM IST