6 साल की बच्ची से रेप के आरोप में 60 साल का बुजुर्ग गिरफ्तार, बच्चों के खिलाफ अपराध में तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र 

60-year-old man arrested for raping a 6-year-old girl
6 साल की बच्ची से रेप के आरोप में 60 साल का बुजुर्ग गिरफ्तार, बच्चों के खिलाफ अपराध में तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र 
6 साल की बच्ची से रेप के आरोप में 60 साल का बुजुर्ग गिरफ्तार, बच्चों के खिलाफ अपराध में तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। हैदराबाद में महिला डॉक्टर से सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या के मामले से पूरा देश गुस्से में है और संसद से सड़क तक बलात्कारियों को भीड़ के हवाले किए जाने की मांग हो रही है लेकिन महिलाओं के प्रति अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मुंबई के कुर्ला इलाके में एक छह साल की बच्ची से बलात्कार का मामला सामने आया है। पुलिस ने बच्ची के परिवार वालों के शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर 60 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम अब्दुल हमीद अंसारी है। अंसारी की कुर्ला पश्चिम के विजयमहल चाल के पास किराने की दुकान है। बच्ची एक दिसंबर को आरोपी की दुकान पर अंडे लेने गई थी। इसी दौरान अंसारी ने बच्ची को चॉकलेट देने के बहाने दुकान के भीतर बुलाया और उसका यौन उत्पीड़न किया। अंसारी ने अगले दो दिनों तक इसी तरह बच्ची का यौन उत्पीड़न जारी रखा। मंगलवार शाम को बच्ची ने अपनी मां से पेट दर्द की शिकायत की। जिसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। जांच के बाद डॉक्टर ने बच्ची के यौन उत्पीड़न की बात परिवार वालों को बताई तो वे सन्न रह गए। इसके बाद बच्ची ने अंसारी की हरकतों का खुलासा किया। परिवार की शिकायत पर विनोबा भावे नगर पुलिस ने आईपीसी और पाक्सो कानून की संबंधित धाराओं के तहत बलात्कार का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 


बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले में यूपी-एमपी के बाद तीसरे क्रमाक पर है महाराष्ट्र 

उधर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 16918 बच्चे अपराधों का शिकार हुए। बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले में यह देशभर में हुए कुल अपराधों का 13 फीसदी है। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद महाराष्ट्र में ही सबसे ज्यादा बच्चे अपराधों का शिकार हुए हैं। महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में बच्चों के खिलाफ अपराध के इन आंकड़ों से विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। मुंबई में चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) के कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहतर प्रणाली बनाने पर जोर दिया। साथ ही समावेशी शिक्षा की भी वकालत की गई। बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था क्राई ने मुंबई में नेशनल पॉलिसी फॉर चिल्ड्रन पर एक मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान क्राई के क्षेत्रीय निदेशक (पश्चिम) क्रिएन रबादी ने कहा कि बच्चों से जुड़ी नीतियां और कार्यक्रम तैयार करते समय उनकी जरूरतों का ध्यान रखा जाना चाहिए। नीतिगत प्रावधानों को देश के बच्चों के अनुकूल बनाए जाने की जरूरत है। महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सचिव डॉ सीमा व्यास ने कहा कि शिक्षा के लिए ज्यादा बजट का प्रावधान होना चाहिए। अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति, समावेशी पाठ्यक्रम के साथ-साथ बच्चों को यौन और प्रजनन से जुड़ी शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए। आयोग के सदस्य संतोष शिंदे ने कहा कि बाल सुरक्षा समय की मांग है। बच्चों के लिए सशक्त सुरक्षा प्रणाली बनाना सभी संस्थानों की जिम्मेदारी है। 

इन मुद्दों पर विचार 

विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र के 61 फीसदी बच्चों के ही माध्यमिक और उच्च शिक्षा के लिए पढ़ाई करने, दो तिहाई स्कूलों के शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के नियमों का पालन न करने, 50 फीसदी से अधिक गर्भवती महिलाओं और 5 साल से कम उम्र के बच्चों के एनीमिया से पीड़ित होने, 34 फीसदी बच्चों के ठीक से विकास न हो पाने जैसे मुद्दों पर गंभीर चिंता जताई। महाराष्ट्र बाल मजदूरी के मामले में भी चौथे नंबर का राज्य है इस पर भी विशेषज्ञ सरकारों और समाज से बेहतर पहल की उम्मीद कर रहे हैं। कार्यक्रम में महाराष्ट्र, गुजरात और गुजरात के बाल अधिकार आयोग के प्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।  

Created On :   4 Dec 2019 7:23 PM IST

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