बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र से मांगे 6813 करोड़, प्रस्ताव को मंजूरी

6813 crore sought from center to help flood victims, proposal approved
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र से मांगे 6813 करोड़, प्रस्ताव को मंजूरी
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र से मांगे 6813 करोड़, प्रस्ताव को मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  कोल्हापुर, सांगली और सातारा समेत राज्य के अन्य जिलों में बाढ़ के कारण हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से 6 हजार 813 करोड़ रुपए मांगेगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद ने आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने को मंजूरी दी। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बाढ़ प्रभावित कोल्हापुर, सांगली और सातारा के लिए केंद्र सरकार से 4 हजार 700 करोड़ रुपए की मांग की जाएगी। जबकि कोंकण विभाग, नाशिक और शेष महाराष्ट्र के लिए 2 हजार 105 करोड़ रुपए मांगा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार की मदद मिलने में थोड़ा समय लगेगा। इसलिए उसका इंतजार किए बिना राज्य आपदा निवारण निधि से राज्य सरकार मदद की शुरुआत कर देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल्हापुर, सांगली और सातारा में फसलों, बगीचों और गन्ने की फसल के नुकसान भरपाई के लिए 2 हजार 88 करोड़ रुपए देना होगा। बाढ़ के कारण नुकसान हुए घरों के लिए 222 करोड़ रुपए लगेंगे। पीडब्लूडी, जिला परिषद और नगर पालिका और महानगर पालिका क्षेत्र के सड़कों और पुलों के मरम्मत के लिए 876 करोड़ की जरूरत पड़ेगी। जलसंसाधन और जलसंरक्षण विभाग के तहत मरम्मत के लिए 168 रुपए और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दवाई और विभिन्न सेवाओं के लिए 75 करोड़ खर्च करने होंगे। स्कूलों के क्लास रूम के मरम्मत और जलापूर्ति योजनाओं के लिए 125 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आपदा प्रभावितों और मृत व्यक्तियों के परिजनों को मदद करने के लिए 300 करोड़ रुपए, बचाव और खोज अभियान के लिए 25 करोड़ रुपए, अस्थायी आश्रय केंद्रों में भोजन, स्वास्थ्य और कपड़ों के लिए 27 करोड़ रुपए, कचरा सफाई के लिए 70 करोड़ रुपए और मत्स्य व्यवसाय को हुए नुकसान के लिए 11 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। मृतक जानवरों के लिए पशुधन मालिकों को 30 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। 

व्यापारियों को नुकसान का 75 फीसदी

मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे व्यवसायियों के नुकसान का आंकलन करके नुकसान की 75 प्रतिशत राशि अथवा अधिकतम 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए 300 करोड़ रुपए खर्च होंगे। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मांगने के लिए ज्ञापन पत्र तैयार किया है। इसको जल्द ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसमें यदि संशोधन की जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त ज्ञापन भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में विभिन्न कामों के लिए टेंडर जारी करने दिनों की जो शर्त है उसको शिथिल किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव अजोय मेहता दिशानिर्देश जारी करेंगे। 

सभी मंत्री देंगे एक महीने का मानधन

बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्री अपना एक महीने का मानधन (वेतन) देंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्री राहत कोष में अपना मानधन जमा कराएंगे। 

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उपसमिति

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों के राहत व पुनर्वसन के काम पर निगरानी के लिए मेरी अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति बनाने का फैसला किया गया है। उपसमिति की बैठक हर सप्ताह होगी। 

मदद देने में फर्क नहीं 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों के लिए ग्रामीण इलाकों में प्रति परिवार 10 हजार और शहरी इलाकों में 15 हजार रुपए दिया जा रहा है। इसको लेकर कई लोग कह रहे हैं कि सरकार मदद देने में फर्क कर रही है लेकिन इस बारे में पहले से स्थाई आदेश है। जबकि सरकार ने मदद राशि में वृद्धि की है। शहरी इलाकों में 15 हजार के अतिरिक्त कुछ भी नहीं दिया जाता है पर ग्रामीण इलाकों में घर बनाने, फसल नुकसान, जानवरों और जख्मी हुए लोगों को मदद दी जाती है।  

बनाई जाएगी विशेषज्ञों की समिति 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगी। यह समिति बाढ़ को रोकने, ज्यादा बारिश होने पर उपाय योजना, जलवायु परिवर्तन समेत अन्य मुद्दों पर अध्ययन करेगी। विशेषज्ञ समिति कोल्हापुर, सांगली और सातारा के बाढ़ की जांच भी करेगी। 

इस बार बारिश ने तोड़ा सभी रिकार्ड

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 से 9 अगस्त के बीच राज्य में  भारी मात्रा पर बारिश हुई। पुणे में 401 प्रतिशत, सोलापुर में 94 प्रतिशत, सातारा में 618 प्रतिशत, सांगली में 658 प्रतिशत, कोल्हापुर में 480 प्रतिशत बारिश हुई है। इस बार अभूतपूर्व बारिश हुई है। चार दिनों में 700 प्रतिशत बारिश हुई है। अब तक के इतिहास में सबसे अधिक बरसात हुई है। साल 2005 की तुलना में भी तीन गुना बारिश हुई है। 

मंत्रियों को संयम बरतने की सलाह

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील और जलसंसाधन मंत्री गिरीष महाजन का बचाव करते हुए कहा कि महाजन जब सांगली में गए थे तो उन्हें सेल्फी खींचने के दौरान हाथ नहीं दिखाना चाहिए था। लेकिन वे अपनी जान जोखिम में डालकर वहां पर पहुंचे थे। उन्होंने लगातार चार से पांच दिनों तक मदद काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पाटील का भी वोडियो देखा। उसमें एक कार्यकर्ता बोल रहे था जिसे उन्होंने चुप कराया। फिर भी मैंने मंत्रियों को संयम से काम करने को कहा है। 

Created On :   13 Aug 2019 1:02 PM GMT

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