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पिछले साल के मुकाबले अबकि जीएसटी की रिकवरी में 7 फीसदी गिरावट
डिजिटल डेस्क सतना। विगत वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू माली साल के दौरान अब तक जीएसटी की रिकवरी में 7 फीसदी गिरावट आने पर वाणिािज्यक कर आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह ने नाराजगी जताई है। बुधवार को सतना-रीवा,सिंगरौली और सीधी जिलों की समीक्षा के दौरान ये तथ्य सामने आया है। संभागीय समीक्षा बैठक में ज्वाइंट कमिश्नर सुदीप गुप्ता , प्रदीप दुबे, डायरेक्टर एनएस मरावी और यहां के
ज्वाइंट कमिश्नर केएन मीना भी उपस्थित थे।
फाइलिंग भी सिर्फ 46 प्रतिशत :----
वाणिज्यिक कर विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक में जीएसटी आर-थ्री बी के तहत रिटर्न फाइलिंग का रेशियो 76 प्रतिशत पाया गया,वहीं जीएसटी आर-वन का प्रतिशत महज 46 रहा। वाणिािज्यक कर आयुक्त ने इस संदर्भ में ज्यादा से ज्यादा जनजागृति पैदा करने की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि 17 जनवरी तक बिल-बाउचर की फाइलिंग में स्कीम के तहत विलंब पर किसी भी प्रकार की पेनाल्टी नहीं ली जानी है। आयुक्त श्री सिंह ने जीएसटी आर-थ्री बी और जीएसटी आर-वन के कामकाज में तेजी लाने की हिदायत दी।
अब तक 985 करोड़ का राजस्व संग्रहण :---
वाणिािज्यक कर विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के दौरान दिसंबर तक की स्थिति में जीएसटी के मद में संभाग स्तर पर 985 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहण किया गया है। समीक्षा के दौरान ये तथ्य सामने आया कि संभाग में सबसे ज्यादा जहां बैढऩ (सिंगरौली)438 करोड़ की वसूली की गई,वही सतना जिले के दोनों सर्किल 381 करोड़ की रिकवरी के साथ दूसरे नंबर पर रहे। जबकि रीवा जिले में 165 करोड़
की वसूली की गई। बैठक में वाणिज्यिक कर विभाग के स्वयं के भवन के लिए शासकीय भूमि के आंवटन पर भी चर्चा हुई। आयुक्त राघवेन्द्र सिंह ने इस संदर्भ में कलेक्टर डा.सतेन्द्र सिंह से भी चर्चा की। उल्लेखनीय है, अभी यहां संभागीय मुख्यालय के साथ वाणिज्यिक कर विभाग के दोनों सर्किल कार्यालय किराए के भवन पर चल रहे हैं। हर माह इन पर 1 लाख 45 हजार का खर्च आता है।
कहां से कितनी वसूली :-----
बैढऩ : 438 करोड़
सतना : 381 करोड़
रीवा : 165 करोड़
सीमेंट कंपनियों ने डीजल के टैक्स में मांगी राहत :-----
वाणिािज्यक कर आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह के सतना प्रवास पर यहां सीमेंट कंपनियों के प्रबंधन ने भी उनसे मुलाकात की। सीमेंट कंपनियों के प्रतिनिधियों ने उनसे डीजल के टैक्स में रियायत की मांग की। प्रतिनिधियों का कहना था कि डीजल में अभी मौजूदा समय में 27 प्रतिशत टैक्स लगता है जो सर्वाधिक है। जबकि सीमेंट के उत्पादन में कच्चा माल के तौर पर डीजल की जरुरत होती है। ऐसी स्थिति में डीजल की आपूर्ति यूपी से लेनी होती है। वाणिािज्यक कर आयुक्त ने इस संबंध में शासन स्तर पर विचार के लिए सीमेंट प्रबंधनों से प्रस्ताव मांगा है। आयुक्त से जीएसटी बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी भेंट की।
Created On :   16 Jan 2020 1:03 PM GMT