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पुलिस आयुक्त ने कहा- नागपुर को क्राइम कैपिटल का दर्जा देना सही नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में लगातार कानून-व्यवस्था को लेकर उठने वाले सवालों को लेकर सोमवार को पुलिस आयुक्त ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि. हत्या की वारदात होना गंभीर मुद्दा है। इस बारे में गहनता से जांच में पता चला है कि, अचानक विवाद के कारण 21 लोगों की हत्याएं हुईं। शहर में हत्या की वारदात होना चिंता का विषय है। इसके पीछे का कारण जानना और इन्हें रोकने पर भी विचार करना उतना ही जरूरी है। पुलिस आयुक्त के अनुसार जनवरी से 21 अक्टूबर 2021 तक 71 हत्याओं में 21 घटनाएं मामूली विवाद के चलते हुईं। 16 वारदातें पुरानी रंजिश के चलते हुईं। प्रेम संबंध और अवैध संबंधों के संदेह में 16, शराब के नशे में 10 हत्याएं हुईं। आर्थिक लेन-देन के मामले में 15 घटनाएं हुईं। एनसीआरबी ने हत्या में नागपुर को अव्वल बताया है, लेकिन आकलन वर्ष 2011 की जनसंख्या के हिसाब से हुआ। शहर में जनसंख्या भी बढ़ी है। शहर में ग्रामीण के थाने भी शामिल हुए हैं। वर्ष 2021 की गणना में निश्चित ही नागपुर का क्राइम ग्राफ नीचे होगा। ऐसे में नागपुर को क्राइम कैपिटल का दर्जा देना सही नहीं है।
1086 अपराधियों का रिकॉर्ड खंगाला
पुलिस हर तरह से अपराध को लेकर विश्लेषण कर रही है। वारदातों को अंजाम देने वाले 1,086 अपराधियों का रिकॉर्ड खंगाला गया है, इनमें 15 से 17 वर्ष के 32 नाबालिग आरोपी शामिल थे। 18 से 21 वर्ष के 225 और 22 से 30 उम्र के 464 युवा अपराधी सक्रिय रहे। 18 से 30 वर्ष के अपराधियों आंकड़ा 689 है। इस उम्र के 63 प्र.श. अापराधिक वारदातों में सक्रिय रहे हैं। युवा वर्ग दिशाहीन क्यों हो रहा है, इसका बड़ा कारण शिक्षा का अभाव और रोजगार भी है। 220 अपराधी 10वीं कक्षा तक उत्तीर्ण हैं और 12वीं कक्षा तक शिक्षा लेने वालों की संख्या 157 हैं।
ज्यादातर वारदातें मई-जून माह में हुईं
पुलिस अब रोजाना हिस्ट्रीशीटरों की जांच कर रही है। जांच करने पर पता चला कि, 1,086 में से 936 को नशे की लत है। अब शहर से नशे के कारोबार को खत्म करने पर पुलिस प्रयास कर रही है। बेचने और सेवन करने वाले पर कार्रवाई की जा रही है।
कोविड के बाद देशभर में अपराध बढ़ा
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार का कहना है कि, शहर में अपराध नियंत्रण में है। सितंबर 2019 में शहर में हत्या की 77 घटनाएं हुईं। 2020 में 71 और 2021 में भी 71 हत्याएं हुईं। वर्ष 2019 में 59, 2020 में 74 और 2021 में 91 हत्या के प्रयास के मामले हुए। डकैती, चेन स्नैचिंग, लूटपाट, सेंधमारी और चोरी की वारदातों में कमी आई है। कोविड के बाद पूरे देश में अपराध अचानक बढ़ा है। अब इसके पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं।
Created On :   26 Oct 2021 5:33 PM IST