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ओबीसी विद्यार्थियों के लिए शुरू होंगे 72 छात्रावास, अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मैट्रिकोत्तर (पोस्ट मैट्रिक) विद्यार्थियों के लिए 72 सरकारी छात्रावास शुरू किए जाएंगे। मंगलवार को राज्य मंत्रिंडल ने यह फैसला लिया है। इसके अनुसार राज्य के 36 जिलों में छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास बनाए जाएंगे। यानी हर जिले में दो छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। इन सरकारी छात्रावासों में 7 हजार 200 विद्यार्थियों की निवास सुविधा हो सकेगी। मंत्रालय में प्रदेश के अन्य पिछड़ा व बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे ने कहा कि छात्रावास के निर्माण के लिए जिलाधिकारियों को अगले तीन महीने में जगह उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इससे जगह उपलब्ध होने के बाद अगले तीन सालों में राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर छात्रावास का निर्माण करेगी। मंत्रिमंडल ने छात्रावास के निर्माण के लिए 73 करोड़ 81 लाख रुपए खर्च को मंजूरी दी है। छात्रावासों में गृहपाल, कनिष्ठ लिपिक, सिपाही, पहरेदार और सफाई कर्मचारियों को ठेके पर नियुक्त किया जाएगा। मंत्रिमंडल उपसमिति की सिफारिशों के अनुसार यह फैसला लिया गया है। सरकार के अनुसार ओबीसी के विद्यार्थियों के लिए जिला मुख्यालय स्तर पर रहने के लिए कोई छात्रावास नहीं है।
अब पिछड़े वर्ग के 50 विद्यार्थी विदेश में पढ़ने जा सकेंगे
राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग, घुमंतु जाति व जनजाति और विशेष पिछड़ा वर्ग के अब 50 विद्यार्थी विदेश में पढ़ाई के लिए जा सकेंगे। फिलहाल 10 विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाने के लिए सरकार की ओर से छात्रवृति प्रदान की जाती है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाकर 50 करने का फैसला किया है। यह फैसला साल 2022-23 साल से लागू होगा। इस योजना के लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 8 लाख रुपए निर्धारित की गई है। छात्रवृत्ति के लाभ के लिए 12 करोड़ 90 लाख रुपए सरकार की तिजोरी पर भार पड़ेगा।
अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति
राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के उच्च शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों के लिए संशोधित छात्रवृत्ति योजना लागू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस योजना के तहत छात्रवृत्ति की राशि 50 हजार रुपए तक बढ़ाई गई है। साल 2011 में छात्रवृत्ति की राशि 25 हजार रुपए थी। साल 2018 में भी छात्रवृत्ति राशि में बदलाव नहीं किया गया था। केवल अभिभावकों की वार्षिक आय की मर्यादा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए की गई थी। मगर अब संशोधित योजना के तहत विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष शैक्षणिक शुल्क और परीक्षा शुल्क अथवा 50 हजार रुपए इसमें से जो कम होगा वह राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी जाएगी। इसके अलावा कक्षा 12 वीं तक कला, वाणिज्य और विज्ञान या गैर व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को शैक्षणिक शुल्क और परीक्षा शुल्क की एकत्रित राशि अथवा पांच हजार रुपए इसमें से कम होगा वह राशि छात्रवृत्ति के तौर पर दी जाएगी। वहीं पुरानी छात्रवृत्ति योजना के नियम और शर्ते पहले की तरह कायम रहेंगे।
मिहान की जमीन के लिए मुद्रांक शुल्क माफ
केंद्र सरकार की एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस कंपनी का मुद्रांक शुल्क माफ करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। एयर इंडिया की ओर से केंद्र सरकार की एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड को नागपुर के मिहान सेज परियोजना की 50 एकड़ जमीन हस्तांतरित होगी। इसके लिए केंद्र सरकार की कंपनी को मुद्रांक शुल्क भरने में छूट देने का फैसला लिया गया है।
Created On :   27 Sept 2022 10:25 PM IST