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8 साल पहले सस्पेंड हुए पंचायत कर्मी की याचिका पर सरकार ने नहीं दिया 5 साल तक जवाब, हाईकोर्ट ने ठोंका जुर्माना
सरकार के संबंधित विभाग की सक्षमता पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सभी लाभों के साथ बहाल करने कहा
डिजिटल डेस्के जबलपुर । 8 साल पहले सस्पेण्ड किए गए एक पंचायत समन्वय अधिकारी की पिछले 5 वर्षों से लंिबत याचिका पर राज्य शासन द्वारा कई मौकों के बाद भी जवाब न देने की कड़ी निंदा करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने सरकार के संबंधित विभागों की क्षमताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो भी अधिकारी इस देरी के लिए जिम्मेदार पाए जाते हैं, सरकार उनसे जुर्माने की रकम वसूलने स्वतंत्र होगी। इस मत के साथ अदालत ने याचिकाकर्ता को सभी बकाया लाभों के साथ बहाल करने के आदेश दिए हैं।
यह मामला टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायत पृथ्वीपुर की ग्राम पंचायत तातरपुरा में समन्वय अधिकारी के पद पर पदस्थ परमलाल वर्मा की ओर से वर्ष 2015 में दायर याचिका पर दिया। पंचायत के कामों में कथित अनियमित्ताएं बरतने के आरोप में उसे 31 अगस्त 2012 को सस्पेण्ड किया गया। इसके खिलाफ दायर अपील सागर के संभागायुक्त द्वारा 7 अक्टूबर 2015 को निरस्त किए जाने पर यह याचिका दायर की गई थी।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि यदि निलंबन के 45 दिनों के भीतर सस्पेण्ड कर्मचारी को चार्जशीट नहीं दी जाती, तो संबंधित कर्मचारी की बहाली अपने आप ही होने का प्रावधान कानून में मौजूद है। इस मामले में न तो उनके मुवक्किल को बहाल किया गया और न ही उसकी याचिका पर सरकार ने जवाब पेश किया। सुनवाई के बाद अदालत ने मुकदमों की सुनवाई की तारीखों का उल्लेख करते हुए सरकार के संबंधित विभागों की निंदा करते हुए अपना विस्तृत फैसला सुनाया।
Created On :   18 Aug 2020 2:40 PM IST