बैंक खाते से गायब हुए 9.5 लाख रुपए, 8 महीने तक पता नहीं चला

बैंक खाते से गायब हुए 9.5 लाख रुपए, 8 महीने तक पता नहीं चला
बैंक खाते से गायब हुए 9.5 लाख रुपए, 8 महीने तक पता नहीं चला

डिजिटल डेस्क, सतना। वेयर हाउस शाखा प्रबंधक नरेन्द्र त्रिपाठी के बैंक खाते से साढ़े 9 लाख रूपए उड़ गए और उन्हें दूर-दूर तक आहट नहीं मिली। इसकी जानकारी उन्हें तब मिली, जब उन्होंने अपनी पासबुक बैंक में अपडेट कराया। इतनी बड़ी जालसाजी की तह में प्राथमिक तौर पर यह बात निकलकर सामने आई कि नरेन्द्र त्रिपाठी के नाम से इसी खाते से जुड़े दो एटीएम कार्ड जारी किए गए, जिनमें से एक तो उनके पास मौजूद है, दूसरा कार्ड किसके पास है और कौन उपयोग कर रहा है यह अभी भी रहस्य बना हुआ है।

अमरपाटन थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। पुलिस जांच में जुटी है। यह पैसा श्री त्रिपाठी ने अपनी बेटी की शादी के लिए बैंक खाते में जमा कर रखा था। घटना को लेकर बैंककर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। सायबर क्राइम के मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी ठगी का मामला है।

7 साल पहले खोला था एकाउंट

मौजूदा समय में उमरिया जिले में पदस्थ नरेन्द्र त्रिपाठी वर्ष 2010 से 2015 तक अमरपाटन में पदस्थ रहे। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा अमरपाटन में बैंक एकाउंट खुलवाया जो उनका सैलरी एकाउंट है। इसी खाते में हर महीने उनका वेतन आता रहता था। जरूरत भर के लिए पैसे निकाल कर बाकी उसी खाते में जमा रहते थे। नरेन्द्र त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने बैंक से पैसे इसलिए नहीं निकाले कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए संभालकर रखे हुए थे।

कैसे जारी हुआ दूसरा एटीएम

नरेन्द्र त्रिपाठी इस बात को लेकर हैरान हैं कि उन्होंने कभी भी बैंक से दूसरा एटीएम जारी करने के लिए न तो आवेदन किया और न ही इसके बारे में उन्हें किसी तरह की जानकारी है, फिर भी पूछने पर बैंक कर्मियों ने बताया कि उनके एक ही खाते के 2 एटीएम जारी किए गए हैं। आखिर वह कौन है जिसने फरियादी के हस्ताक्षर बनाकर आवेदन दिया और दूसरा एटीएम जारी करवा लिया। इस मामले में बैंक कर्मियों की भूमिका भी संदेहास्पद बताई जाती है।

इसी साल निकले पैसे

फरियादी के खाते से पैसों की निकासी एटीएम के जरिए इसी साल से प्रारंभ हुई। जनवरी 2017 से लगातार कभी 10 हजार तो कभी 15 हजार रूपए निकाले जाते रहे। कई-कई महीनों में 30 से 40 हजार रूपए भी दो-तीन किश्तों में आहरित किए गए। यह सभी रकम एटीएम के द्वारा ही निकाली गई।

कभी नहीं आया मैसेज

मूल रूप से रीवा के रहने वाले नरेन्द्र त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने अपने पास मौजूद एटीएम से जब भी पैसे निकाले, तब उनके मोबाइल में हर बार मैसेज आया। लेकिन फर्जी एटीएम से जब भी पैसे ड्रा किए गए तो एक बार भी मैसेज नहीं आया। यह एक रहस्यमय बात है। उन्होंने 8 अगस्त को अपने दोनों एटीएम लॉक करवा दिए हैं।                   

Created On :   10 Aug 2017 6:41 AM GMT

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