बीच सड़क पर बनाई जा रही नाली, सब कुछ तहस-नहस, चलना मुश्किल, लग रहा जाम

A drain is being built on the middle of the road, everything is ruined, it is difficult to walk, feeling jammed
बीच सड़क पर बनाई जा रही नाली, सब कुछ तहस-नहस, चलना मुश्किल, लग रहा जाम
यह कैसी स्मार्ट वर्किग - गोलबाजार क्षेत्र के सौंदर्यीकरण में खर्च किए जा रहे 32 करोड़, चारों तरफ केवल बदहाली, कार्यशैली बीच सड़क पर बनाई जा रही नाली, सब कुछ तहस-नहस, चलना मुश्किल, लग रहा जाम

संस्कारधानी का आवासीय परिवेश पहले से ही स्मार्ट था। उस समय की चौड़ी सड़कों, आधा-आधा एकड़ से भी विस्तृत आवासीय परिसरों के बीच बना शहीद स्मारक इसकी जीवंत मिसाल है। आज से करीब 7 दशक पहले 28 अक्टूबर 1948 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसकी आधारशिला रखी थी। आजादी की स्मृतियों को अक्षुण्ण बनाने के लिए करीब 10.34 एकड़ परिसर में बने इस स्मारक व शहर का कद इतना ऊँचा था कि इसका लोकार्पण स्वयं देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने किया। वक्त ने पाला बदला है। सिटी को स्मार्ट बनाने की बातें की जा रही हैं। शहीद स्मारक के आसपास के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 32 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ये शहर के लिए अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए जो कार्यशैली अपनाई जा रही है, वह लोगों को हैरान कर रही है। शहीद स्मारक के चारों तरफ सब-कुछ तहस-नहस दिख रहा है। पल-पल जाम की स्थिति बन रही है। सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि फुटपाथ व नालियाँ आखिर बीच सड़क से क्यों बनाई जा रही हैं और यदि घरों से पुरानी नालियों तक आईं ड्रेनेज और सीवरेज की लाइनें चोक हो गईं तो क्या फिर से फुटपाथ को तोड़ा जाएगा..? 
डिजिटल डेस्क जबलपुर । स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल गोलबाजार क्षेत्र में चल रहा स्मार्ट रोड फेस-2 का निर्माण  इन दिनों  सिरदर्द बनकर रह गया है। यहाँ एक ठेका कंपनी द्वारा लगभग 32 करोड़ की लागत से स्मार्ट रोड फेस-2 का निर्माण किया जा रहा है। बीते अप्रैल माह से शुरू हुई 3 किलोमीटर लम्बी इस रोड के निर्माण के लिए 24 महीनों की समय-सीमा तय की गई है। इसके तहत मुख्य सड़क और उससे लगीं एक दर्जन सहायक सड़कों को जोड़कर स्मार्ट लाइट लगाने और सुव्यवस्थित नालियाँ एवं फुटपाथ बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है। लोग इस बात से परेशान हैं कि संबंिधत कंपनी द्वारा बीच सड़क पर ही नालियाँ बनाई जा रही हैं तो वहीं इलेक्ट्रिक चेम्बरों में भी गंदा पानी भरा हुआ है। दिन भर में यहाँ कई बार लम्बे जाम के हालात भी बनते हैं और इस तरह लोगों को मुसीबतें ही अधिक झेलनी पड़ रही  हैं। 
 स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मार्ट सिटी द्वारा बीच सड़क पर ही नालियाँ बनाई जा रही हैं। ये किनारे से लगभग 12 फीट की दूरी पर बनाई जा रही हैं। पुरानी नालियों को उसी हाल में छोड़ दिया गया है। इसमें वर्षों पुराने कनेक्शन हैं। यदि इनसे ड्रेनेज की निकासी बंद हो गई तो बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। लोगों के घर का पानी बची सड़क पर बन रहीं नालियों तक आखिर कैसे जाएगा। दूसरी तरफ बीचों बीच नालियों के निर्माण से यह सड़क सँकरी हो गई है और इसमें वाहनों की भीड़ बढ़ते ही दिनभर अनेक बार लम्बा जाम भी लग जाता है। लोग त्रस्त हैं। क्षेत्रीय जनों का आरोप है कि इन समस्याओं को लेकर उन्होंने अनेक बार स्मार्ट सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायतें भी कीं, लेकिन किसी ने भी उनकी परेशानियों की ओर ध्यान तक नहीं िदया। 
इनका कहना है
गोलबाजार क्षेत्र में स्मार्ट रोड फेस-2 का निर्माण बीते अप्रैल माह से शुरू हुआ है। इसकी समय-सीमा 24 महीने की रखी गई है और निर्धारित समय पर यह कार्य पूरा हो जाएगा। ऐसी हमें पूरी उम्मीद है। जो भी  नालियाँ बन रही हैं वे सड़क के बीच में नहीं हैं, बल्कि निर्धारित मापदडों के अनुसार सही हैं।  इसके अलावा यहाँ पर स्थित पेड़ों को भी हमने बिना नुकसान पहुँचाए ही अपनी डिजाइन में ले लिया है। 
रवि राव प्रशासनिक अधिकारी स्मार्ट सिटी, जबलपुर

Created On :   6 Oct 2021 2:59 PM IST

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