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बीएमएचआरसी में सुविधाओं की हकीकत पाँच सदस्यीय समिति पता लगाएगी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में की गई व्यवस्थाओं की हकीकत का पता लगाने के लिए पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर का एक अधिकारी, राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग का सचिव स्तर का एक अधिकारी, एमसीआई का एक प्रतिनिधि, भोपाल गैस राहत विभाग का एक प्रतिनिधि और याचिकाकर्ता एनडी जयप्रकाश को शामिल करने का निर्देश दिया था। डिवीजन बैंच ने निर्देश दिया है कि समिति अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक बीएमएचआरसी का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करे। याचिका की अगली सुनवाई 19 मई को होगी। भोपाल गैस पीडि़त महिला उद्योग संगठन की ओर से जनहित याचिका दायर कर बीएमएचआरसी में डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ एवं संसाधनों की व्यवस्था करने की माँग की गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से जानकारी दी गई कि कोविड-19 के संक्रमण की वजह से जस्टिस वीके अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित की गई मॉनीटरिंग कमेटी बीएमएचआरसी का निरीक्षण नहीं कर पाई है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान जानकारी माँगी थी कि बीएमएचआरसी में कितने मरीज इलाज करा रहे हैं। बीएमएचआरसी में मौजूद सुविधाओं के बारे में मरीजों का क्या कहना है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि बीएमएचआरसी की सुविधाओं में इजाफा किया गया है। इस रिपोर्ट की हकीकत जानने के लिए डिवीजन बैंच ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और राजेश चंद पैरवी कर रहे हैं।
Created On :   27 March 2021 3:11 PM IST