नर्मदा तट को भू-माफिया से बचाने समर्थ भैयाजी ने अन्न-आहार त्यागा : देवउठनी ग्यारस से नर्मदा गौ सत्याग्रह करने का ऐलान

Able to save Narmada beach from land mafia,bhaiyaajee  left food
नर्मदा तट को भू-माफिया से बचाने समर्थ भैयाजी ने अन्न-आहार त्यागा : देवउठनी ग्यारस से नर्मदा गौ सत्याग्रह करने का ऐलान
नर्मदा तट को भू-माफिया से बचाने समर्थ भैयाजी ने अन्न-आहार त्यागा : देवउठनी ग्यारस से नर्मदा गौ सत्याग्रह करने का ऐलान

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  माँ नर्मदा तट पर हो रहे अवैध उत्खनन एवं अवैध निर्माण के खिलाफ नर्मदा मिशन के संस्थापक समर्थ भैयाजी सरकार ने एक बार फिर आंदोलन का शंखनाद किया है। उनके द्वारा अन्न-आहार का त्याग कर दिया गया है। इसके साथ ही आगामी 25 नवंबर देव उठनी ग्यारस से नर्मदा मिशन एवं अनेक स्वयंसेवी संगठनों द्वारा प्रदेश व्यापी नर्मदा गौ सत्याग्रह आंदोलन का शुभारंभ किया जाएगा। इस संबंध में गुरुवार को आयोजित  प्रेसवार्ता में भैयाजी सरकार ने बताया कि प्रशासन को बार-बार जानकारी से अवगत कराया गया, इसके बावजूद अवैध उत्खनन एवं अवैध निर्माण के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके कारण हमें माँ नर्मदा एवं प्रदेश के करोड़ों लोगों के जीवन को बचाने के लिए आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
सत्याग्रह में अनशन, धर्म सभा, महाआरती जैसे कार्यक्रम होंगे - 
25 नवंबर से होने वाले नर्मदा गौ सत्याग्रह में जनजागरण के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिसमें क्रमिक अनशन, धर्म सभा, नर्मदा गौ महाआरती, गौ रेवा संवाद, युवा संवाद ,नर्मदा गौ पद यात्रा, नर्मदा पंचकोसी परिक्रमा आदि के द्वारा नर्मदा पथ के प्रत्येक जिले में जनजागरण किया जाएगा। 
ये हैं प्रमुख माँगें - 

- नर्मदा के एचएफएल से 300 मीटर तक के प्रतिबंधित निर्माण कार्य।
- माँ नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा प्रदान किया जाए।
- नर्मदा तट से अवैध निर्माण, अतिक्रमण, रेत भंडारण, खुदाई, खनन पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए। 
- बेसहारा गौवंश के लिए आरक्षित नगर निगम जबलपुर की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
- अमरकंटक पर्वत माला तीर्थ क्षेत्र में हो रहे निर्माण खनन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाए। 
- गौवंश की नि:स्वार्थ सेवा करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं पर लगाए प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए।  
वर्ष 2030 तक अनेक जगह पर गुप्त हो जाएगी नर्मदा - 
 उन्होंने बताया कि अमरकंटक से डिण्डौरी, मण्डला, जबलपुर व सम्पूर्ण नर्मदा पथ परिक्षेत्र में लगातार हो रहे अवैध निर्माण, अतिक्रमण, खुदाई, खनन से नर्मदा जल संग्रहण, नर्मदा बेसिन के वन अभ्यारण्य वन परिक्षेत्रों की अंधाधुंध कटाई से वन खत्म हो रहे हैं। इस पर तत्काल प्रतिबंध नहीं लगा तो वर्ष 2030 तक नर्मदा अनेक स्थानों पर गुप्त हो जाएगी। शासन-प्रशासन की अनदेखी से माँ नर्मदा कई स्थनों पर तीव्रता से गुप्त हो रही हैं। जल धारा खण्डित हो रही है।
 

Created On :   6 Nov 2020 3:03 PM IST

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