रिश्वतखोरों को अदालत से सजा दिलाने में फिसड्डी साबित हो रही एसीबी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र. घूस लेते सरकारी अधिकारियों को रंगेहाथों गिरफ्तार करने वाली भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरो (एसीबी) भ्रष्टाचार से जुड़े अपराधों को अदालतों में साबित करने में नाकाम साबित हो रही है। आंकड़े बताते हैं कि भ्रष्टाचारियों के पकड़े जाने के मामले में तो पिछले साल के मुकाबले 5 फीसदी ही कमी आई है लेकिन आरोपों को साबित करने के मामले घटकर आधे रह गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में एसीबी ने भ्रष्टाचार के 748 मामलों में 1092 आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज किए लेकिन साल भर में सिर्फ 9 मामलों में 15 आरोपियों को ही सजा दिला पाई।
साल 2021 में एसीबी ने भ्रष्टाचार के 773 मामलों में कार्रवाई की थी और अदालतों में 18 मामलों में दोषियों को सजा दिलाने में कामयाबी हासिल की थी। आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में भी सबसे ज्यादा घूसखोरी एक बार फिर पुणे विभाग में हुई जहां 157 मामलों में 227 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई। इसके बाद नाशिक विभाग में 130 मामलों में 192 आरोपियों पर एसीबी ने शिकंजा कसा। औरंगाबाद विभाग 126 मामलों में 174 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद तीसरे नंबर पर रहा। मुंबई में भ्रष्टाचार के सबसे कम 48 मामले दर्ज हुए। इसके अलावा ठाणे विभाग में 86, नागपुर विभाग में 74, अमरावती विभाग में 65, नांदेड विभाग में 60 मामले सामने आए।
भ्रष्टाचार में नंबर है राजस्व विभाग
विभागों की बात करें तो एक बार फिर राजस्व विभाग भ्रष्टाचार के 175 मामलों के साथ सबसे आगे रहा जबकि पुलिस विभाग भी 160 घूसखोरी के मामलों के साथ दूसरे नंबर पर रहा। 62 मामलों के साथ पंचायत समिति तीसरे जबकि 50 मामलों के साथ बिजली विभाग घूसखोरों की सूची में चौथे नंबर पर रहा।
साल दर्ज मामले दोष सिद्धि
2022 748 9
2021 773 18
2020 663 10
2019 891 54
Created On :   12 Jan 2023 10:02 PM IST