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एक्शन प्लान के मुताबिक क्यों नहीं हटाए अवैध निर्माण, जिम्मेदारों को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि सितंबर 2018 में एक्शन प्लान पेश कर अंडरटेकिंग दी गई थी कि जुलाई 2019 तक मदन महल पहाड़ी से पूरे अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे, लेकिन एक्शन प्लान के अनुसार कार्रवाई नहीं की गई। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने संभागायुक्त, कलेक्टर, एसपी और निगमायुक्त के 25 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होकर यह बताने के लिए कहा है कि एक्शन प्लान का पालन क्यों नहीं किया गया। युगल पीठ ने ग्रीन बेल्ट में बनाए गए बदनपुर के 41 मकानों और जिन्नाती मस्जिद को भी राहत नहीं दी है। याचिका की अगली सुनवाई 25 जुलाई को नियत की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक मस्जिद को हटाने पर रोक लगाई
सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता ने बताया कि मदन-महल पहाड़ी क्षेत्र में 7 मस्जिदें थी। जिनमें से चार मस्जिदों को हटाया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मस्जिद को हटाने पर रोक लगाई है। शेष दो मस्जिदों को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा अन्य अवैध निर्माणों और अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। श्री गुप्ता ने बताया कि 17 जून के बाद मदन महल पहाड़ी से लगभग 100 अवैध निर्माण हटाए गए है। अब तक लगभग 2 हजार अवैध निर्माण हटाए जा चुके है।
वन क्षेत्र में है पिसनहारी की मढिया
कलेक्टर की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पिसनहारी की मढिया का वास्तविक निर्माण के अलावा अतिरिक्त निर्माण वन क्षेत्र में है। युगल पीठ को स्वयं अवैध निर्माण हटाने की अंडरटेकिंग दिए जाने के बाद भी अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई अभी तक शुरू नहीं की गई है। युगल पीठ ने पिसनहारी की मढिय़ा के व्यवस्स्थापकों को भी अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए है।
ग्रीन बेल्ट के 41 रहवासियों को नगर निगम के नोटिस का जवाब देने का निर्देश
सैनिक सोसायटी के पीछे बदनपुर के ग्रीन बेल्ट में काबिज 41 रहवासियों की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि उन्होंने तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार से अनुमति लेकर मकान का निर्माण किया है। नगर निगम ने ग्रीन बेल्ट में काबिज मानते हुए मकान तोड़ने का नोटिस जारी है। वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने विधिवत अनुमति लेकर निर्माण किया है। नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने कहा कि ग्रीन बेल्ट में काबिज लोगों ने नगर निगम से नक्शा स्वीकृत नहीं कराया है। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने कहा कि ग्रीन बेल्ट में काबिज लोगों को राहत नहीं दी जा सकती है। वे नगर निगम के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करें।
जिन्नाती मस्जिद को तोड़ने का आदेश
जिन्नाती मस्जिद की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि नगर निगम ने मस्जिद तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया है। उनकी मस्जिद काफी पुरानी है और पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। दायर याचिका में कहा गया कि उनकी मस्जिद पुरातत्व द्वारा संरक्षित है। सुनवाई के दौरान ऐसा कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया कि मस्जिद संरक्षित श्रेणी में शामिल है। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने मस्जिद को हटाने का निर्देश दिया है।
शहर की अन्य पहाड़ियों पर भी अवैध निर्माण का सर्वे करो
युगल पीठ ने राज्य शासन और जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि शहर की अन्य पहाड़ियों के अवैध निर्माण और अतिक्रमण का सर्वे कर रिपोर्ट पेश की जाए। उपभोक्ता मंच की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि शहर के सिद्द्धबाबा, छोटा शिमला, बड़ा शिमला, बेलबाग टोरिया, गलगला टोरिया, तिलवाराघाट, ग्वारीघाट पहाड़ी, शोभापुर पहाड़ी, रांझी बजरंग पहाड़ी, मदार टेकरी सहित अन्य पहाड़ियों पर भी अवैध निर्माण और अतिक्रमण है, लेकिन राज्य शासन और प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कुछ धर्म स्थलों की केवल बाउंड्री गिराई
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा अवैध धर्म स्थल हटाने की कार्रवाई में भेदभाव किया जा रहा है। मदन महल पहाड़ी क्षेत्र में कुछ धर्म स्थलों की केवल बाउंड्री बॉल ही गिराई गई है, शेष निर्माण को छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि गढ़ा थाने के पीछे काबिज अतिक्रमणकारियों को राजनीतिक दबाववश नहीं हटाया जा रहा है।
Created On :   3 July 2019 1:45 PM IST