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अंतिम जनगणना और धारा 29 (ए) के अनुसार वार्ड आरक्षण की शिकायत का निराकरण किया जाए

हाईकोर्ट ने दिया जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश, याचिका का निराकरण
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने सागर जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया है कि बीना नगर पालिका के वार्ड आरक्षण की शिकायत का निराकरण वर्ष 2011 की अंतिम जनगणना और नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 29 (ए) के अनुसार किया जाए। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने याचिका का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ता को नए सिरे से जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। बीना निवासी प्रदीप राय की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वे बीना नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 18 से दो बार से पार्षद हैं। इस बार वार्ड नंबर 18 को अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इस वार्ड में अनुसूचित जाति की आबादी केवल 9.5 प्रतिशत है। याचिका में कहा गया कि अनुसूचित जाति की आबादी के मामले में नगर पालिका के 25 वार्डों में उनके वार्ड का नंबर 21वाँ है। अधिवक्ता नरिंदर पाल सिंह रूपराह ने तर्क दिया कि वार्डों का आरक्षण 1991 की जनगणना के अनुसार किया जा रहा है, जबकि आरक्षण 2011 की अंतिम जनगणना के अनुसार किया जाना चाहिए। नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 29 (ए) के अनुसार उस वार्ड को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया जाएगा, जिनमें अनुसूचित जाति की आबादी सबसे ज्यादा होगी। बीना नगर पालिका में केवल 6 वार्डों का आरक्षण किया जाना है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता की शिकायत का निराकरण 2011 की जनगणना के अंतिम आँकड़े और नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 29 (ए) के अनुसार किया जाए।
Created On :   12 Feb 2021 3:22 PM IST