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लाखों के गबन के आरोपी पूर्व सरपंच को जेल, दो सहायक यंत्रियों की तलाश

डिजिटल डेस्क सतना। जनपद पंचायत रामनगर के अंतर्गत ग्राम पंचायत जोबा के पूर्व सरपंच को पुलिस ने विकास कार्यों के नाम पर लाखों रूपए का गवन करने के आरोप में गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। वहीं दो सह आरोपी सहायक यंत्रियों की तलाश भी तेज कर दी है। थाना प्रभारी योगेन्द्र सिंह जयशूर से मिली जानकारी के मुताबिक स्वामी शरण सिंह पुत्र शम्भू सिंह 41 वर्ष निवासी भितरी वर्ष 2004 से 2014 तक लगातार दो पंचवर्षीय जोबा का सरपंच रह चुका है। जिसने वर्ष 2007-08 की अवधि में सचिव अशोक मिश्रा, सहायक यंत्री पीसी बागरी, आरएस रावत और उपयंत्री आरके पांडेय के साथ मिलीभगत कर कमलेश विश्वकर्मा, श्रीमती समनीदेवी और छोटेलाल सिंह गोंड के नाम पर कपिलधारा कूप निर्माण की धनराशि आहरित कर हड़प ली, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं कराया। इसी प्रकार बृजेश सिंह, दशरथ सिंह व सूर्यबली सिंह के नाम पर मेढ़ बंधान और रमेश मिश्रा के नाम पर नंदन फलोद्यान योजना का बजट निकाल कर खुर्द-बुर्द कर दिया। किसी भी हितग्राही को इस बात की भनक तक नहीं लगी पर जब भौतिक मूल्यांकन की बारी आई तो चोरी पकड़ी गई। लिहाजा जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ ओपी अस्थाना ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए फर्जीवाड़े की जांच कराई जिसमें पांचों आरोपियों पर 4 लाख 46 हजार 557 रूपए की रिकवरी निकाली। तब सीईओ ने रामनगर एसडीएम की अनुशंसा पर 21 नवम्बर 2016 को थाना प्रभारी रामनगर के नाम पत्र लिखा जिसके तहत आईपीसी की धारा 409 का मुकदमा पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी गई।
दो से वसूली के आदेश, तीन पर एफआईआर
जांच के पश्चात सचिव अशोक मिश्रा और उपयंत्री आरके पांडेय ने गवन की बात स्वीकार कर राशि लौटाने का रास्ता चुना, लिहाजा दोनों के विरूद्ध एफआईआर नहीं कराई गई। लेकिन सरपंच समेत सहायक यंत्रियों ने आरोपों से इंकार कर दिया, लिहाजा उन पर अपराधिक मुकदमा पंजीबद्ध कराया गया।
गवन के मामले में सरपंच स्वामी शरण सिंह से 1 लाख 11 हजार 638 रूपए, सचिव अशोक मिश्रा से 1 लाख 16 हजार 639 रूपए, सहायक यंत्री पीसी बागरी से 97 हजार 75 रूपए, आरएस रावत से 17 हजार 569 रूपए और उपयंत्री आरएस पांडेय से 1 लाख 36 सौ 36 रूपए की वसूली के आदेश दिए गए थे जिनमें से सचिव ने एकमुश्त 25 हजार और 4 हजार रूपए की हर महीने वेतन से कटवाने का रास्ता चुना तो उपयंत्री पांडेय ने वसूली आदेश को चुनौती देते हुए अपील कर दी। लिहाजा जिस पर उनके खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ कर दी गई। जबकि सरपंच व सहायक यंत्रियों ने कोई जवाब नहीं दिया तो तत्कालीन जनपद सीईओ ने रिपोर्ट दर्ज करा दी।
आरोपी पूर्व सरपंच को मुखबिर की सूचना पर थाना प्रभारी ने एएसआई राजकुमार मिश्रा, लक्ष्मीकांत तिवारी, प्रधान आरक्षक गोविंद, आरक्षक अखिलेश्वर सिंह गहरवार व रविशंकर पांडेय के साथ दबिश देकर पकड़ लिया और न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
Created On :   20 Dec 2017 1:43 PM IST