सीएम राहत कोष से 75 लाख की रकम ऐंठने वाले चार और आरोपी गिरफ्तार

Accused of fraud Rs 75 lakh from cm relief fund arrested
सीएम राहत कोष से 75 लाख की रकम ऐंठने वाले चार और आरोपी गिरफ्तार
सीएम राहत कोष से 75 लाख की रकम ऐंठने वाले चार और आरोपी गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क,मुंबई।  मुख्यमंत्री राहत कोष से गरीब मरीजों के इलाज के नाम पर 75 लाख की ठगी के मामले में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी फर्जी कागजात बनाने में मुख्य आरोपियों की मदद करते हैं। इससे पहले इस मामले में पुलिस एक डॉक्टर समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम नितिन अमृते, संदेश मोगविरा, विजय घाटिलकर और गणेश मुदलियार है। इससे पहले मामले में पुलिस डॉक्टर अमित नागराले और आरती शिगवान को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों आरोपियों से पूछताछ में रैकेट में शामिल चार और आरोपियों के नाम सामने आएं जिन्हें पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। नागराले जून 2016 से फरवरी 2019 तक ठाणे के एक अस्पताल से जुड़ा हुआ था। मरीजों के नाम पर इसी अस्पताल से फर्जी बिल तैयार किए गए थे। मंत्रालय में अपने संबंधों का दावा करने वाली आरती फर्जी बिल और मरीजों से जुड़े कागजात तैयार कर मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसे की अर्जी देती है। अधिकारी जांच पड़ताल के बाद पैसे मंजूर करते थे। अब तक की जांच में 65 मरीजों के नाम पर फर्जी तरीके से पैसे लेने की बात सामने आई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरती लंबे समय से इस तरह की धोखाधड़ी कर रही थी। दूसरे आरोपी फर्जी कागजात तैयार करने में उसकी मदद करते थे। किसी ट्रस्ट में काम करने वाली आरती अक्सर मंत्रालय के चक्कर लगाया करती थी। मामले का खुलासा तब हुआ जब मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल में काम करने वाले अधिकारी सुभाष नागप को दो मरीजों की अर्जियों पर शक हुआ। अस्पताल से सम्पर्क करने पर पता चला कि इन दोनों का मरीजों का उस अस्पताल में कभी इलाज नहीं हुआ। इसके बाद मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई।
 

गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को दी जाती है रकम 

दरअसल, मुख्यमंत्री राहत कोष से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे आर्थिक रूप से जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए पैसे दिए जाते हैं। कैंसर, किडनी की बीमारी, छोटे बच्चों की गंभीर बीमारियों के लिए मदद राशि सीएम राहत कोष से दी जाती है। लेकिन आरोपी फर्जी मरीजों के नाम पर आवेदन कर राहत कोष से मदद राशि ऐंठ रहे थे। इसी साल फरवरी महीने में मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत पैसे मांगने के लिए आई दो अर्जियों पर अधिकारियों को शक हुआ। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई। अपराध शाखा ने छानबीन के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा किया।

 

Created On :   26 Aug 2019 1:23 PM IST

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