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मिलावटी पनीर बेचने के आरोपी को मिली हाईकोर्ट से जमानत

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मिलावटी पनीर बेचने के आरोपी कमल खरे को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल, जस्टिस राजीव कुमार दुबे और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की लार्जर बैंच ने सुनवाई के बाद यह फैसला दिया। लार्जर बैंच के सामने यह मामला इसलिए भेजा गया, ताकि यह तय किया जा सके कि मिलावट से संबंधित मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून किन परिस्थितियों में लग सकता है?
गौरतलब है कि त्रिमूर्ति नगर में रहने वाले कमल खरे ने मिलावट के आरोप में उसे एनएसए के तहत हिरासत में लिए जाने को चुनौती दी गई है। आरोपी कमल खरे 27 अक्टूबर 2019 से हिरासत में है। पूर्व में यह मामला दो जजों की बैंच के सामने सुनवाई के लिए लगा था। सुनवाई के दौरान युगलपीठ के समक्ष सुदीप जैन के मामले में दो जजों की बैंच का फैसला नजीर के रूप में पेश किया गया। उस फैसले में दोनों जजों का मत था कि जब खाद्य पदार्थ से संबंधित मामलोंं में एफएसएसए कानून पहले से मौजूद है और उसमें सजा का प्रावधान भी है, इसलिए किसी भी सूरत में रासुका कानून उस मामले पर लागू नहीं हो सकता। उस फैसले में किसी भी परिस्थिति में रासुका लागू न होने की व्यवस्था पर असहमति जताते हुए जस्टिस संजय यादव ने कहा- च्मेरी राय में इस मुद्दे पर विस्तृत व्याख्या की जरूरत है, क्योंकि पहले से मौजूद कानून में सजा का प्रावधान होने के बाद भी यदि आरोपी के कृत्य से लोकशांति को खतरा होने की संभावना हो, तो क्या फिर भी उसमें रासुका लगेगा या नहीं। इस मुददे का विचारण होना जरूरी है।
इस मत के साथ युगलपीठ ने मामला लार्जर बैंच को भेजा था। लार्जर बैंच के सामने हुई सुनवाई के दौरान आरोपी कमल खरे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और अधिवक्ता जुबिन प्रसाद ने पक्ष रखा। उनकी दलील थी कि लार्जर बैंच के सामने जो मुद्दा आया है, उस पर काफी वक्त लग सकता है। चूंकि इस मामले में उनका मुवक्किल 27 अक्टूबर 2019 से हिरासत में है और तीन माह से ज्यादा का वक्त हिरासत में बिता लिया, ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए। इस दलील पर सहमति जताते हुए लार्जर बैंच ने आरोपी को रिहा करने के आदेश दिए।
Created On :   20 Feb 2020 1:24 PM IST