अपराध के समय था नाबालिक, इसलिए बच्चे  के रुप में लाभ पाने का अधिकारी

Accused was minor at time of the crime, so entitled to benefit as a child
अपराध के समय था नाबालिक, इसलिए बच्चे  के रुप में लाभ पाने का अधिकारी
रेप के आरोपी को जमानत  अपराध के समय था नाबालिक, इसलिए बच्चे  के रुप में लाभ पाने का अधिकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरोपी पर निःसंदेह गंभीर अपराध का आरोप है चूंकि जब आरोपी ने अपराध को अंजाम दिया था उस समय वह नाबालिग था इसलिए एक बच्चे के रुप में वह लाभ पाने का हकदार है। इस तरह बांबे हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपों का सामना कर रहे एक आरोपी को जमानत प्रदान की है। आरोपी को पुलिस ने इस मामले में जब गिरफ्तार किया था तो उसकी उम्र 16 साल थी। बाल न्याय बोर्ड व विशेष अदालत ने आरोपी को जमानत देने से मना कर दिया था। लिहाजा आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था।

न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायमूर्ति ने डोंगरी के सुधारगृह में रखे गए आरोपी को लेकर मनोवैज्ञानिक की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद पाया कि आरोपी में सुधार की संभावना है। वह पढाई करने का इच्छुक है। वह समाज में रहने योग्य है। हालांकि सुनवाई के दौरान सरकारी वकील व पीड़ित बच्ची के पिता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने आरोपी की जमानत का विरोध किया। सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी पर सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप है। आरोपी व पीडित बच्ची एक परिसर में रहते हैं।

आरोपी की रिहाई से पीड़ित बच्ची को खतरा हो सकता है। इसका बच्ची की मनोदशा पर विपरीत असर पड़ेगा। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने व मनोवैज्ञानिक की रिपोर्ट देखने तथा बाल न्याय कानून की धारा 12 के प्रावधानों पर विचार करने के बाद कोर्ट ने आरोपी को जमानत देने के योग्य पाया। न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी की उम्र अभी 18 साल हुई है। बाल न्याय कानून में नाबालिग अवस्था में आपराधिक मामले में आरोपी बननेवाले आरोपियों में सुधार की गुंजाइश तलाशने का प्रावधान है। निसंदेह इस मामलें में आरोपी पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन एक बच्चे के रुप में आरोपी लाभ पाने का हकदार है। इसलिए उसे सशर्त जमानत प्रदान की जाती है। 

 

Created On :   6 Sep 2022 3:28 PM GMT

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