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महाराष्ट्र सदन की कैंटिन को प्रशासन ने अचानक जड़ दिया ताला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के कस्तुरबा गांधी मार्ग पर स्थित महाराष्ट्र सदन एक बार फिर कैंटिन के मुद्दे पर चर्चा में आ गया है। महाराष्ट्र सदन प्रशासन ने दो कॉन्ट्रेक्टर्स के विवाद में दशहरे के पहले दिन देर रात अचानक नए और पुराने महाराष्ट्र सदन की कैंटिन पर ताला जड़ दिया है। सदन प्रशासन की ओर से महाराष्ट्र सदन की कैंटिन चलाने वाले जेकेजी आउटडोअर कैटरिंग प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की गई है कि उसके प्रबंध निदेशक जयंताकुमार घोष यूएपीए के तहत गुवाहाटी विशेष एनआईए कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए है।
जेकेजी आउटडोर कैटरिंग प्राइवेट लिमिटेड को पांच साल के लिए महाराष्ट्र सदन की कैंटीन चलाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। बीते साल सितंबर 2021 से यह कॉन्ट्रेक्ट लागू हुआ। इस बीच कूजिन कैटरर्स एंड हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज ने महाराष्ट्र सदन प्रशासन को 26 नवंबर 2021 को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई थी कि जेकेजी आउटडोर कैटरिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को यूएपीए के तहत 10 साल की सजा सुनाई गई है। लिहाजा जेकेजी का सदन की कैंटिन चलाने का कॉन्ट्रेक्ट रद्द किया जाए। इस निवेदन के आधार पर महाराष्ट्र सदन निवासी आयुक्त ने जेकेजी आउटडोअर कैटरिंग प्राइवेट लिमिटेड को 4 अक्टूबर को एक नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर कैंटिन बंद करने का आदेश दिया। हालांकि, सदन प्रशासन ने सात दिन का समय देने के बावजूद 4 तारीख की रात को ही कैंटिन पर ताला जड़ दिया गया।
कैंटीन को चलाने वाली पद्मा रावत का कहना है कि हमने 2017 में ही इस कंपनी को टेकओवर किया था। इस कंपनी के पदाधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामला होगा, लेकिन इससे अब कंपनी का कोई लेना-देना नहीं है। कैंटीन चलाने का टेंडर कंपनी को मिला न कि किसी एक व्यक्ति को। उन्होंने आरोप लगाया है कि कूजिन कैटरर्स के षड्यंत्र के कारण हमारे खिलाफ बेवजह सदन प्रशासन ने कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि इस मामले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। बहरहाल कैंटिन अचानक बंद होने के कारण यहां ठहरे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पडा।
Created On :   6 Oct 2022 10:11 PM IST