- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सतना
- /
- यहां-वहां भटकने के बाद भर्ती किया...
यहां-वहां भटकने के बाद भर्ती किया गया डेढ़ साल का मासूम, अंतत: मौत - परिजन ने सिविल सर्जन से की लिखित शिकायत

डिजिटल डेेेस्क सतना। सरदार वल्लभ भाई पटेल शासकीय जिला चिकित्सालय में महज डेढ़ बरस के एक मासूम को दो घंटे इधर-उधर भटकाने के बाद वार्ड में भर्ती किया गया। इस बीच उसकी हालत बिगड़ती गई और अंतत: दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। मासूम अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। मासूम के पिता ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ सिविल सर्जन डॉ. रेखा त्रिपाठी से लिखित शिकायत की है।
कैसे सिस्टम में फंस गई एक बच्चे की जान
मूलत: नागौद के अटरा गांव के रहने वाले विपिन उपाध्याय अपनी पत्नी और बेटे के साथ यहां जवाहरनगर की गली नम्बर 10 में रहते हैं। बुखार की शिकायत पर 5 मई को रात 11 बजे वो अपने डेढ़ वर्षीय बेटे वेदांश को जिला अस्पताल ले गए। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने वार्ड क्रमांक 8 में ले जाने को कहा। बच्चे को जब वहां ले जाया गया तो मौके पर ड्यूटी कर रही स्टाफ नर्स निहारिका सिंह ने भर्ती करने से इंकार करते हुए बच्चे को वार्ड क्रमांक 3 में भेज दिया। मां-बाप बच्चे को गोद में लिए वार्ड 3 पहुंचे तो वार्ड सिस्टर ने ओपीडी में कोरोना टेस्ट कराने का फरमान जारी कर दिया। जैसे-तैसे मासूम का कोरोना टेस्ट कराया गया इस पूरी प्रक्रिया में दो घंटे से भी ज्यादा का वक्त बीत गया। इधर, मासूम की हालत बिगड़ती गई। कोविड-19 की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बच्चे को वार्ड क्रमांक 8 में एडमिट कराया गया।
पैरासीटामॉल के अलावा कुछ नहीं
मासूम के पिता ने आरोप लगाया कि पैरामेडिकल स्टाफ ने मासूम को भर्ती तो कर दिया मगर उसे पैरासीटामॉल दवाई के अलावा कुछ भी नहीं दिया गया। वेदांश की हालत सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गई। माता-पिता के लाख गिड़गिड़ाने के बावजूद पैरामेडिकल स्टाफ ने एक नहीं सुनी। शुक्रवार को अचानक मासूम के मुंह से झाग निकला और एक झटके से हंसते-खेलते परिवार की दुनिया उजड़ गई। इस संबंध में जब ड्यूटी में मौजूद वार्ड इंचार्ज अर्पिता मिश्रा एवं विनीता मिश्रा से मौत की वजह पूछी गई तो उन्होंने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि जो बताएंगे वो डॉक्टर बताएंगे।
Created On :   8 May 2021 4:10 PM IST