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पैसा जमा कराने के बाद रसीद तक नहीं दे रहे, निजी अस्पतालों ने आपदा को बनाया अवसर
डिजिटल डेस्क जबलपुर । महामारी के इस कठिन दौर में कुछ निजी अस्पतालों ने आपदा में पैसा कमाने का अवसर सा तलाश लिया है। सभी नहीं लेकिन कुछ अस्पताल इस समय मरीज को भर्ती कराते समय लाख रुपए तक जमा करा रहे, लेकिन इसकी रिसीप्ट तक नहीं दे रहे हैं। काउंटर में पैसा जमा कराते ही कहा जाता है कि इसका हिसाब बाद में होगा। व्यथित कोरोना से घबराया परिवार किसी तरह जान बचाने के चक्कर में उस समय तो भूल जाता है, लेकिन मरीज की मौत या डिस्चार्ज के समय जब क्रॉस चैक करता है तो पता चलता है कि जिसकी पावती नहीं मिली थी वह पैसा भी बिल में उल्लेखित नहीं है। सिवनी से इलाज के लिए आये एक मरीज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शहर के निजी अस्पताल ने उससे काउंटर में भर्ती होने के दौरान तुरंत जो पैसा जमा कराया उसकी पावती दी ही नहीं। माँगने पर भी पूरे जो पैसे जमा िकये उसका हिसाब काउंटर से नहीं मिल सका। यह एक प्रकरण मात्र है, लेकिन अस्पतालों में इस कठिन समय में हो भी यही रहा है। जितना पैसा जमा कराया जाता है कुछ अस्पताल उसकी रसीद तक नहीं थमा पा रहे हैं। ऐसे-ऐसे चार्ज बिल में लगाये जा रहे हैं जो मानवता के नाते कम से कम इस वक्त तो नहीं लिये जाने चाहिए।
खाना खाया नहीं और 18 हजार का बिल
कटनी स्लीमनाबाद निवासी एक 58 वर्षीय मरीज को एक निजी अस्पताल में डिस्चार्ज के समय बिल थमाया गया तो उसमें उल्लेख िकया गया पेशेंट ने 12 िदन में 18 हजार रुपए का खाना खाया है। पेशेंट यदि खाना खाता तो भी ठीक था, सबसे अहम बात यह रही कि हर दिन भर्ती रहने के दौरान मरीज के लिए खाना घर से आता था। किसी तरह से उन्होंने अस्पताल का पानी तक उपयोग नहीं किया, पर उनसे रुपए पूरे वसूल लिये गए। ठीक हुये मरीज के परिजनों ने इसका विरोध नहीं किया, पर जिसके पास बिल देने के पूरे पैसे नहीं उससे कल्पना कीजिए किस स्तर पर वसूली हो रही है।
हर मरीज से ग्लव्ज के पैसे 6 एक निजी अस्पताल के वार्ड में कुछ अंतर में 40 कोविड मरीज भर्ती रहे। भर्ती रहने के दौरान हर मरीज से हर दिन 4 वार्ड ब्वॉय के ग्लव्ज के पैसे हर दिन के हिसाब से लिये गये। 4 वार्ड ब्वॉय एक दिन में दो बार ही ग्लव्ज बदलते होंगे, पर 40 लोगों से दोनों ही टाइम ग्लव्ज के पैसे बिल में जोड़कर दर्शा िदये गये। बताया गया कि आपके भर्ती रहने के दौरान हर दिन दो ग्लव्ज खरीदकर दिये जा रहे थे।
Created On :   23 April 2021 2:02 PM IST