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मोबाइल पर बेबसी का मैसेज पढ़कर कलेक्टर ने कॉल मिलाया, बुजुर्ग महिला बोलीं, मदद करो बेटा

केयर बाय कलेक्टर में पहुँची फरियाद तो 1 साल से परेशान वृद्धा को 3 दिन में मिला न्याय, बेटा-बहू को मकान खाली करने के आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिस माँ ने न जाने कितने दु:ख-दर्द सहकर अपने बेटे की परवरिश की, जब उसी माँ की सेवा करने का समय आया तो बेटा अपनी पत्नी के साथ मिलकर उल्टा उस पर अत्याचार करने लगा। मकान हड़पने के लिए न सिर्फ माँ के साथ मारपीट की गई बल्कि कई बार भूखा भी रखा गया। किसी तरह से बुजुर्ग महिला अपनी बेटी के घर चली गई। बार-बार समझाने पर भी बेटा-बहू नहीं मानें। आखिरकार, बुजुर्ग महिला की पीड़ा केयर बाय कलेक्टर व्हाट्सएप ग्रुप पर पहुँची। मैसेज पढ़कर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मोबाइल पर वृद्ध महिला से बात की। वृद्धा की दास्ताँ सुनकर कलेक्टर ने तत्काल एसडीएम गोरखपुर को मैसेज फॉरवर्ड किया और न्याय दिलाने के आदेश दिए।
जानकारी के अनुसार रामपुर छापर निवासी 67 वर्षीय निर्मला खत्री और उनके पति स्व. ओमप्रकाश खत्री दोनों विद्युत मंडल में कार्य करते थे। दोनों ने मिलकर रामपुर छापर में मकान खरीदा था। उनकी एक बेटी मोना और बेटा अंबर खत्री हैं। पति की मृत्यु के बाद बेटा अंबर और बहू अंजली योजनाबद्ध तरीके से मकान अपने नाम करवाना चाहते थे। निर्मला द्वारा ऐसा नहीं करने पर बेटा-बहू उनके साथ मारपीट करने लगे और कई बार उन्हें भूखा भी रखा।
धक्का देकर माँ को निकाला7 एक दिन तो मर्यादाओं की सीमा लाँघते हुए माँ को घर से बाहर धक्का देकर निकाल दिया गया और दरवाजे बंद कर लिए गए। यह नजारा देख किसी पड़ोसी ने उनकी बेटी मोना भाटिया को फोन किया। जिसके बाद बेटी माँ को लेकर वह घर आ गई और न्याय के लिए चक्कर लगाती रही। इसी दौरान उन्हें केयर बाय कलेक्टर की जानकारी लगी तो उसमें मैसेज कर न्याय की गुहार लगाई।
7 दिन के भीतर खाली करो मकान7 कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम गोरखपुर मणिंद्र सिंह ने तत्परता के साथ कार्रवाई करते हुए बेटा और बहू को 7 दिन के अंदर मकान खाली करने का आदेश दिया। वृद्धा ने बताया कि वह 1 साल से परेशान थी और कलेक्टर बाय केयर की मदद से 3 दिन में ही उसे न्याय मिल गया।
Created On :   17 Dec 2020 2:03 PM IST