विधायक बच्चू कडू की गिरफ्तारी के बाद सत्र न्यायालय से मिली जमानत

After the arrest of MLA Bacchu Kadu, he got bail from the sessions court
विधायक बच्चू कडू की गिरफ्तारी के बाद सत्र न्यायालय से मिली जमानत
राहत विधायक बच्चू कडू की गिरफ्तारी के बाद सत्र न्यायालय से मिली जमानत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजनीतिक आंदोलन के दौरान सरकारी कर्मचारी के काम में बांधा डालने के मामले में गिरफ्तारी के बाद सत्र न्यायालय ने पूर्व राज्यमंत्री, प्रहार संगठन के अध्यक्ष और निर्दलीय विधायक बच्चू कडू को सत्र न्यायालय ने राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायिक हिरासत में भेजे गए कडू को अदालत ने 15 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है। मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी। जमानत पर छूटने के बाद कडू ने मीडिया के बातचीत में कहा कि परीक्षा में उम्मीदवार मोबाइल का इस्तेमाल करते थे। साथ ही पेपर भी लीक हुआ था। इसी मामले में आंदोलन के दौरान संघर्ष हुआ था और मेरे खिलाफ आईपीसी की धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। मेरे खिलाफ कब मामला दर्ज किया गया और कब समन जारी किया गया मुझे इसकी जानकारी ही नहीं मिली। जमानत मंजूर करने पर मैं सत्र न्यायालय को धन्यवाद देता हूं। इससे पहले इस मामले में बच्चू कड़ू उस वक्त मुश्किल में फंस गए थे जब गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद वे बुधवार को गिरगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुए थे। अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पेशी के बाद कडू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साथ ही मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत अर्जी भी खारिज कर दी। इसके बाद उनकी लीगल टीम ने सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और काफी मशक्कत के बाद विधायक कडू वहां से राहत पाने में कामयाब रहे।       

क्या है मामला

महापरीक्षा पोर्टल में गड़बड़ी और परीक्षा में कथित अनियमितता के मामले में की गई शिकायत को लेकर क्या कार्रवाई हुई इसकी जानकारी लेने 26 सितंबर 2018 को विधायक बच्चू कडू अपने 7-8 समर्थकों के साथ मंत्रालय में स्थित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के निदेशक प्रदीप पी के

केबिन में पहुंचे थे। आरोप है कि नाराज कडू ने अधिकारी को मारने के लिए लैपटॉप तान दिया था साथ ही उनके साथ गालीगलौज भी की और देख लेने की धमकी दी। मामले में शिकायत के आधार पर मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 353, 143, 504, 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले में कई वारंट जारी होने के बाद जब कडू पेश नहीं हुए तो अदालत ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया था।     

Created On :   14 Sept 2022 9:44 PM IST

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