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बंदिश हटने के बाद अभी सिर्फ 25 फीसदी बसें ही सड़क पर

650 बसों में से केवल 150 ही संचालित हो रहीं, 100 से ज्यादा बसें खटारा हो गईं, महाराष्ट्र जाने में अब भी प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क जबलपुर । लॉकडाउन हटने के बाद शहर से अन्य जिलों के साथ राज्य स्तरीय बसों का संचालन शुरू तो हुआ लेकिन अभी भी सिर्फ 25 फीसदी बसें ही चालू हो सकी हैं। महाराष्ट्र को छोड़कर उत्तर प्रदेश, छग और मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों के लिए जबलपुर से अभी 150 बसों का संचालन हो रहा है। अभी शहर के अंदर 500 बसें खड़ी हैं। विशेष बात यह है कि बीते 15 माहों के अंदर 100 से अधिक बसें खटारा हो चुकी हैं। यात्री किराये में बढ़ोत्तरी भी बसों का ज्यादा संख्या में संचालन नहीं करा पाया है। महाराष्ट्र के नागपुर, अमरावती जैसे शहरों तक संचालित होने वाली बसें अभी बंद हैं। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के चलते महाराष्ट्र तक बसों का संचालन 30 जून तक अभी भी प्रतिबंधित है। आरटीओ संतोष पॉल कहते हैं कि बसों के संचालन के दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन हो यह तय किया गया है। टीका लगाने के बाद ही यात्री बसों में बैठें इसके लिए कोशिश की गई है। विभाग जो सहूलियत दे सकता है उसको लागू किया गया है। ऑपरेटर एसोसिएशन के पिंटू तिवारी, प्रवक्ता संजय शर्मा कहते हैं कि कोरोना काल में बसों का संचालन बहुत घाटे का सौदा साबित हो रहा है। सरकार को ऑपरेटरों की परेशानियों के मद््देनजर सभी तरह की जरूरी सहूलियत देना चाहिए। ज्यादातर बसें अभी नॉन यूज की हालत में हैं।
जिसको वैक्सीन उसको टिकट - इधर बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने यह नियम लागू किया है कि जिसको कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी है उसको यात्री टिकट नहीं दिया जा रहा है। आईएसबीटी में एक काउंटर बनाया गया है जिसमें कोरोना की वैक्सीन लगायी जा रही है। कंडक्टर और ड्राइवर को प्राथमिकता पर वैक्सीन लगवाये जा रहे हैं। वैक्सीनेशन बढऩे से यात्री संख्या भी भविष्य में सामान्य होने के हालात बन सकते हैं।
Created On :   26 Jun 2021 4:30 PM IST