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मेरी राजनीति खत्म होने का दाम भरने वालों को मिला जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद चुनाव के लिए गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भाजपा छोड़ कर राकांपा में आए एकनाथ खडसे और विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर को अपना उम्मीदवार घोषित किया। विधानभवन में नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत में खडसे ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मेरे साथ अन्याय किया पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मुझे एक मौका दिया है। इससे खडसे की राजनीति खत्म होने का दावा करने वालों को जवाब मिल गया है।
वर्ष 2014 में भाजपा-शिवसेना की सत्ता आने पर खडसे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार समझा जा रहा था पर बाद में उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उनका विधानसभा टिकट भी काट दिया। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) खडसे को लगातार नोटिस जारी कर रहा था। आखिरकार खडसे वर्ष 2020 में भाजपा छोड़ कर राकांपा में शामिल हो गए थे। इसके पहले राकांपा ने विधान परिषद की राज्यपाल कोटे वाली सीट के लिए भी खडसे का नाम भेजा था लेकिन राज्यपाल ने अभी तक नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी। इस बीच खडसे ने जलगांव जिला मध्यवर्ती बैंक के चुनाव में 21 में से 11 सीट राकांपा के लिए जीत कर बैंक पर राकांपा का कब्जा जमा दिया था। इससे उत्तर महाराष्ट्र में राकांपा का ताकत बढ़ी। अब राकांपा ने खडसे को विधान परिषद में भेजने का फैसला लिया है। समझा जा रहा है कि खडसे अब विधानभवन में भाजपा पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ेगे।
खडसे-निंबालकर की उम्मीदवारी का विरोध नहीः जयंत पाटील
प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील ने इन खबरों को बेबुनियाद बताया है जिसमें कहा गया था कि एकनाथ खडसे और रामराजे नाईक निंबालकर को विधान परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारी देने से पार्टी में नाराजगी है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी में किसी नाम का कोई विरोध नहीं है। पार्टी ने सर्वसहमति से इन दोनों वरिष्ठ नेताओं को विधान परिषद में भेजने का फैसला लिया है। इस दौरान पाटील ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा जिस तरह दूसरे दलों के विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रही है, वह सही नहीं है।
Created On :   9 Jun 2022 8:48 PM IST