लीगल नोटिस वापस होने के बाद होगी हाईकोर्ट से मुख्यपीठ शब्द हटाने के मामले की सुनवाई

After the return of the legal notice, the hearing of the matter of removal of the word from the High Court will be held
लीगल नोटिस वापस होने के बाद होगी हाईकोर्ट से मुख्यपीठ शब्द हटाने के मामले की सुनवाई
आग्रह के बाद डिवीजन बैंच ने दी अनुमति लीगल नोटिस वापस होने के बाद होगी हाईकोर्ट से मुख्यपीठ शब्द हटाने के मामले की सुनवाई


डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच में मप्र हाईकोर्ट जबलपुर से मुख्य पीठ शब्द हटाने के मामले की सुनवाई, मामले में दिए गए लीगल नोटिस को वापस लेने के बाद होगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से लीगल नोटिस वापस लेने के आग्रह के बाद डिवीजन बैंच ने अनुमति दे दी है।
यह याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच जबलपुर के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि मप्र हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने 8 अक्टूबर को हाईकोर्ट नियम 2008 में संशोधन कर मप्र हाईकोर्ट से मुख्य पीठ शब्द विलोपित कर दिया है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि देश के राष्ट्रपति ने 27 अक्टूबर, 1956 को आदेश जारी कर जबलपुर में मप्र हाईकोर्ट की मुख्यपीठ की घोषणा की थी। इसलिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को राष्ट्रपति के आदेश को निरस्त करने का अधिकार नहीं है। मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बैंच के संज्ञान में यह बात लाई गई कि इस मामले में रजिस्ट्रार को लीगल नोटिस दिया गया है। इस पर याचिकाकर्ता ने लीगल नोटिस वापस लिए जाने का आग्रह किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

Created On :   15 Nov 2021 2:50 PM GMT

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